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रांची : 2100 बेड के सुपर स्पेशियलिटी किडनी अस्पताल व 6 नए मेडिकल कॉलेज बनेंगे- इरफान

Ranchi : झारखण्ड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने मंगलवार को नामकुम स्थित लोक स्वास्थ्य संस्थान सभागार में आयोजित एक भव्य समारोह में 91 सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारियों (सीएचओ) को नियुक्ति पत्र सौंपा. 

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इस दौरान उन्होंने कहा कि सभी नए पदाधिकारियों को चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा लेकिन डरने की जरूरत नहीं है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार उनकी पूरी हिफाजत करेगी.

 

कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य मंत्री द्वारा जिन अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया गया उनमें प्रमुख रूप से कंचन कुमारी (देवघर), प्रियांका कुमारी (धनबाद), जैस्मिन मुर्मू (दुमका), मैरी टुडु (साहेबगंज), इस्तयाक अंसारी (पश्चिम सिंहभूम), संतोष प्रसाद वर्मा (गिरिडीह), मुक्ति कुमारी (जामताड़ा), वृंदा खलखो (पलामू), शबाना परवीन (पलामू), शोभा कुमारी (सरायकेला-खरसावां), रत्ना विधान मुंडा (पूर्वी सिंहभूम) और सुस्मिता नायक (जामताड़ा) शामिल हैं.

 

डॉ अंसारी ने कहा कि पदभार संभालने के बाद से स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में लगातार काम हो रहा है. पिछले 25 वर्षों में जो सुधार नहीं हो पाया, उसे अब तेजी से पूरा किया जा रहा है.

 

बोकारो दौरे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अस्पतालों में एमआरआई और सीटी स्कैन मशीन नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है. इस पर उन्होंने तुरंत फैसला लिया कि अब सभी जिलों के सदर अस्पतालों में एमआरआई और सीटी स्कैन मशीन लगाई जाएगी.

 

मंत्री ने जोश भरे अंदाज में कहा कि वे जो कहते हैं उसे करके दिखाते हैं. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के लिए सख्त फैसले लेने पड़ेंगे और इसका कुछ लोग विरोध भी करेंगे. समारोह के दौरान उन्होंने शायरी पढ़ी जिसने माहौल को और जोशीला बना दिया.

 

डॉ अंसारी ने यह भी घोषणा की कि राज्य में 2100 बेडेड सुपर स्पेशियलिटी किडनी अस्पताल बनाया जाएगा. इससे किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारियों और किडनी ट्रांसप्लांट के लिए लोगों को राज्य से बाहर नहीं जाना पड़ेगा. साथ ही उन्होंने मेडिको सिटी और छह नए मेडिकल कॉलेजों को तय समय में पूरा करने का और 200 नई एंबुलेंस लाने का भरोसा दिलाया.

 

कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि झारखण्ड का स्वास्थ्य सूचकांक राष्ट्रीय औसत से बेहतर है. उन्होंने बताया कि शिशु मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत 28 के मुकाबले झारखण्ड में 25 है.

 

मातृत्व मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत 97 की तुलना में झारखण्ड में 56 है. जबकि संस्थागत प्रसव राष्ट्रीय औसत 88.6 प्रतिशत की तुलना में झारखण्ड में 75 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि ये आंकड़े राज्य के लिए प्रेरणादायक हैं और स्वास्थ्य विभाग को और तेजी से काम करने की दिशा दिखाते हैं.

 

इस मौके पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक शशि प्रकाश झा, झारखण्ड मेडिकल कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक अबु इमरान, निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएँ डॉ सिद्धार्थ सान्याल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

 

डॉ इरफान अंसारी ने अपने संदेश में कहा कि झारखण्ड की जनता को अब इलाज के लिए दर-दर भटकना नहीं पड़ेगा. आने वाला समय झारखण्ड की सेहत और खुशहाली का होगा.

 

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