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झारखंड में ब्लैक फंगस के 27 मरीजों की पुष्टि, रिम्स में 15 मरीज भर्ती

  • कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बीच ब्लैक फंगस का कहर बढ़ता जा रहा है
  • एक्सपर्ट्स ब्लैक फंगस के खतरे से बचने के लिए जरूरी जानकारियां दे रहे हैं
  • एक्सपर्ट के मुताबिक, डाइबिटीज मरीज को ब्लड शुगर कंट्रोल रखने की जरूरत बढ़ गई है

Ranchi : कोरोना महामारी के बाद अब झारखंड में ब्लैक फंगस- म्यूकरमाइकोसिस का खतरा मंडराने लगा है. स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग ने इसे महामारी घोषित करने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. कैबिनेट की मुहर लगते ही इसे महामारी घोषित कर दिया जाएगा. वर्तमान में झारखंड में ब्लैक फंगस "म्यूकरमाइकोसिस" के 27 केस की पुष्टि हुई. इनमें 15 मरीजों का इलाज रांची के रिम्स में चल रहा है, जबकि 7 मरीज निजी अस्पताल मेडिका में इलाजरत हैं. वहीं जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में 5 मरीज भर्ती हैं.

ऐसे बढ़ सकता है ब्लैक फंगस का खतरा

जिन मरीजों को शुरुआत में ही स्टेरॉयड्स दिए गए, उनमें ब्लैक फंगस का संक्रमण हो सकता है. स्टेरॉयड्स की बहुत ज्यादा डोज दिए जाने पर भी मरीज को ब्लैक फंगस होने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे लोगों के खून में मिठास की मात्रा बढ़ जाती है, जो हाई ब्लड शुगर के रूप में सामने आता है. अगर लंबे वक्त तक स्टेरॉयड्स दिए जाएं तो भी लोग ब्लैक फंगस की चपेट में आ सकते हैं.

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