New Delhi : देश के 88 रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स, 10 पूर्व राजदूत, 100 रिटायर्ड आर्मी अधिकारी और 82 एकेडमिशियन्स सहित देश के 270 प्रतिष्ठित नागरिकों ने नये संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम के बहिष्कार के फैसले को निंदनीय बताया है इन प्रतिष्ठित लोगों ने इस संबंध में एक पत्र जारी कर अपनी भावना व्यक्त की है.
इस पत्र में विपक्षी दलों के व्यवहार की निंदा की गयी है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
वे लोकतंत्र की आत्मा को चूस रहे हैं.
पत्र में लिखा गया है कि अपने अपरिपक्व और खोखले तर्कों से गैर लोकतांत्रिक तेवर का खुला प्रदर्शन करते हुए विपक्ष यह समझ नहीं पाता है कि लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित प्रधानमंत्री ने अपनी प्रमाणिकता, समावेशी नीतियों, अपनी भारतीयता के साथ एक अरब भारतीयों को प्रेरित किया है. पत्र में कहा गया है कि फैमिली फर्स्ट संचालित पार्टियां इंडिया फर्स्ट के दृष्टिकोण के साथ कैसे सामंजस्य स्थापित कर सकती हैं.
इसलिए विपक्षी दल भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले का बहिष्कार करने के लिए एकजुट हो गये हैं. जो लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद के उद्घाटन का बहिष्कार कर रहे हैं उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वे कैसे लोकतंत्र की आत्मा को चूस रहे हैं.
विपक्षी दलों के गैर लोकतांत्रिक रवैये की निंदा
इन ब्यूरोक्रेट्स, पूर्व राजदूत, रिटायर्ड आर्मी अफसरों ने 2017 में जीएसटी लॉन्च, 2021 में संविधान दिवस और राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार आदि उदाहरणों को सामने रखते हुए कहा कि विरोध करने वाले दल अपने स्वयं के सूत्रबद्ध, अलोकतांत्रिक, नियमित और निराधार बहिष्कार का पालन कर रहे हैं.
प्रतिष्ठित नागरिकों ने नये संसद भवन के उद्घाटन को पूरे देश के लिए गर्व का क्षण करार देते हुए भारतीय के रूप में प्रधानमंत्री मोदी के साथ खड़े होने का संकल्प लेते हुए कहा कि वे विपक्षी दलों के गैर लोकतांत्रिक रवैये की निंदा करते हैं .
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