- आंधी तूफान व लू आपदा घोषित
Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यकक्षता में आज कैबिनट की बैठक हुई. इस बैठक में कुल 31 प्रस्तावों पर मुहर लगी. राज्य सरकार ने खनिजों पर सेस बढ़ाने का फैसला लिया है. साथ ही पीजी पास एमबीबीएस छात्रों को छूट देने का निर्णय लिया है. साथ ही सिपाही बहाली की नियमावली में भी संशोधन किय़ा है. सिपाही, उत्पाद सिपाही, कक्षपाल और होमगार्ड की नियुक्ति नियमावली में संशोधन करते हुए शारिरीक मापदंड में भी बदलाव किया गया है. इसके तहत सामान्य वर्ग, आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग एवं पिछड़ा के उम्मीदवारों की ऊंचाई 107 सेंटीमीटर और सीने की चौड़ाई 81 सेंटीमीटर निर्धारित की गयी है. एसटी-एससी के लिए ऊंचाई 155 सेंटीमीटर और सीने की चौड़ाई 79 सेंटीमीटर निर्धारित की गयी है. महिलाओं के लिए न्यूनतम ऊंचाई 148 सेंटीमीटर निर्धारित की गयी है. वहीं पुरूए के शारीरिक दक्षता में भी परिवर्तन किया गया है. अब पुरूष उम्मीदवार को 1600 मीटर (एक मील) छह मिनट में दौड़ना होगा. जबकि महिलाओं को 1600 मीटर 10 मिनट में दौड़ना होगा.
आंधी तूफान और लू आपदा घोषित
झारखंड सरकार ने आंधी-तूफान और लू को राज्य की विशिष्ट स्थानीय आपदा घोषित किया है. इस निर्णय के अनुसार, इन आपदाओं के कारण जान गंवाने वाले लोगों के आश्रितों को गृह मंत्रालय, भारत सरकार के मापदंड के अनुसार, सहायता राशि प्रदान की जायेगी. इसके अलावा, दुधारू पशुओं, गैर दुधारू पशुओं और ढुलाई के लिए उपयोग की जाने वाले पशुओं की भारपाई के लिए भी सहायता राशि दी जाएगी.
बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में स्थापित होगी बिरसा मुंडा की प्रतिमा
बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में तांबे की नौ फीट की बिरसा मुंडा की प्रतिमा स्थापित होगी. इसके लिए नोएडा के मेसर्स रामसुतार का मनोनयन किया गया है. इस पर 25 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे. वहीं एकीकृत बिहार के पंचायत निगम लिमिटेड के 26 कर्मियों का भुगतान 2006 से 15 नवंबर 2011 तक का किया जायेगा. इस पर 38 लाख रुपए का व्यय होगा. पीजीटी और एससी-एसटी के आश्रम विद्यालय, पीवीजीटी के प्राथमिक विद्यालय सहित 13 आवासीय विद्यालय एनजीओ से संचालित करने के लिए अवधि घटाने की स्वीकृति दी गयी. जनवितरण प्रणाली की दुकानों में फोर जी ई-पॉश मशीन के लिए मेसर्स लिंकवेयर और इंट्रिग्रा को अगामी आठ महीने तक सर्पोट देने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गयी.
मेडिकल कॉलेज में पीजी पाठ्यक्रम के बाद सेवा नियम में बदलाव
अब मेडिकल कॉलेज में पीजी पाठ्यक्रम पूर्ण होने के बाद 3 वर्ष की सेवा देने के नियम में बदलाव किया गया है. यदि कोई मेडिकल छात्र तीन वर्ष की सेवा नहीं देना चाहता है, तो उन्हें 30 लाख रुपये और छात्रवृत्ति एवं अन्य भत्ते के रूप में प्राप्त सभी राशि एकमुश्त वापस करनी होगी.
नई सेवा नीति के मुख्य बिंदु
- - पीजी उत्तीर्ण होने के बाद राज्य सरकार में एक वर्ष की सेवा देने के बाद यदि कोई छात्र-छात्रा राज्य सरकार को सेवा नहीं देना चाहते हैं, तो उन्हें तीन वर्षों में से सेवायोग्य बचे हुए महीने की संख्या के अनुसार 125000 रुपये का भुगतान करना होगा.
- - इसमें छात्रवृत्ति के रूप में भुगतेय राशि भी शामिल है.
- - यदि कोई छात्र 20 महीने की सेवा राज्य को दे चुके हैं और अब सेवा देना नहीं चाहते हैं, तो उन्हें बचे हुए 16 माह के लिए 16×125000 रुपये का भुगतान बॉन्ड राशि के रूप में करना होगा.
- - पीजी के बाद बॉन्ड पोस्टिंग की अवधि में कोई छात्र सुपर स्पेशलिटी की पढ़ाई के लिए राज्य से बाहर जाना चाहता है, तो वैसी स्थिति में बाहर में पढ़ाई पूरा करने के बाद बची हुई अवधि के लिए राज्य सरकार के अधीन काम करना होगा.
- - झारखंड के मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिटी का पाठ्यक्रम उत्तीर्ण होने के बाद राज्य में दो वर्षों का सेवा देना अनिवार्य किया गया है.
- - यदि इसमें भी एक वर्ष के बाद कोई छात्र अपनी सेवा नहीं देना चाहते हैं, तो उसे बचे हुए हर महीने का डेढ़ लाख रुपये देय होगा.
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