Shruti prakash singh
Ranchi: राजधानी रांची में प्रति दिन 314 वाहनों की संख्या बढ़ रही है. पिछले 67 महीने में रांची में 6,37,275 वाहन खरीदे गए. ट्रैफिक पर दबाव लगातार बढ़ रहा है, लेकिन बुनियादी सुविधाएं नहीं के बराबर बढ़ी हैं. जस की तस है. जाहिर है झारखंड राज्य बनने के 22 साल बाद भी राजधानी में ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पायी है.
इसे भी पढ़ें–आतंकी ने खोला बड़ा राज, कहा- पाक सेना ने दी ट्रेनिंग, भारत में आत्मघाती हमले के लिए कर्नल दिए पैसे
राजधानी में जाम की समस्या
राजधानीवासी हर दिन जाम की समस्या से जूझ रहे हैं. शहर की मुख्य सड़कों पर रोज जाम लगना आम बात है. अगर आठ या दस किलोमीटर की दूरी तय करनी हो, तो 15 से 20 मिनट सिर्फ जाम से निपटने में खर्च हो जाते हैं. ऐसे में आम आदमी को मानसिक तनाव झेलना पड़ता है. राजधानी की सड़कों की ट्रैफिक लाइट भी महीनों खराब रहती है. ट्रैफिक की बुनियादी सुविधाएं भी नहीं बढ़ पा रही हैं.
सड़कों पर बढ़ता जा रहा गाड़ियों का दबाव
रांची में प्रति दिन वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है. राजधानी में साल 2017 से साल 2022 के जुलाई महीने तक 6,37,275 वाहन निबंधित हुए. जिनमें साल 2022 में जनवरी से जुलाई महीने तक 84, 822 निबंधित हुए हैं. साल 2021 में 95,777, साल 2020 में 94,911 , साल 2019 में 1,09,560, साल 2018 में 1,31,709 और साल 2017 में 1,20,496 वाहन निबंधित हुए है.
इसे भी पढ़ें–मौसम अपडेट: अगले 3 से 4 दिनों तक राज्य में हो सकती है बारिश
क्या कहते हैं डीटीओ प्रवीण प्रकाश
रांची डीटीओ प्रवीण प्रकाश ने बताया कि परिवहन विभाग गाड़ियों की खरीदारी के लिए मना नहीं कर सकता है, ओपन टू ऑल का सिस्टम होता है. लाइसेंस हो या गाड़ियों की बुकिंग, वो तो होगा ही. इसपर रोक नही लगाया जा सकता है. हालाकि लोगो को बताया जा रहा है की सीएनजी या इलेक्टिक व्हीकल का इस्तमाल करें. इससे पॉल्यूशन नहीं होगा. डीटीओ प्रवीण प्रकाश बताया कि इसके मल्टीपल वजह है, जैसे कि लोग यातयात की सुविधा देखते हैं. बड़े शहरों में मेट्रो की सुविधा है, यहां यातायात की सुविधा कम है. ऐसे में लोग अपनी गाड़ी लेना पसंद करते हैं. कोरोना काल में देखा गया जहां देश महामारी से जूझ रहा था वहीं रांची में लोग गाड़ी की बुकिंग करा रहे थे.