राज्यपाल ने पीएम मोदी को बताया ऊर्जावान शख्सियत
Hazaribagh : विनोबा भावे विश्वविद्यालय के 32वें स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन करते हुए बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल सह कुलाधिपति सीपी राधाकृष्णन ने विद्यार्थियों का हौसला बढ़ाया. उन्होंने कहा कि इस योग्य बनो कि विश्व में अलग पहचान हो. देश के लिए कुछ ऐसा कर जाओ कि भारत का नाम दुनिया के शिखर पर हो. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी जन्मदिन की बधाई दी और उन्हें दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत बताया.
विश्वविद्यालय के विवेकानंद ऑडिटोरियम में रविवार को आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा कि समर्पण, परिश्रम और अनुशासन से कोई भी काम असंभव नहीं है. जैसा कि चांद के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 को आखिरकार सफलतापूर्वक उतार कर भारत के वैज्ञानिकों ने कामयाबी की कहानी लिख डाली. साथ ही इस अंतरिक्ष अभियान में अन्य राष्ट्रों को पीछे छोड़ विश्व में अपनी एक अलग पहचान बनाई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 के दौरान अपनी अदम्य इच्छा शक्ति और वैज्ञानिकों की हौसला अफजाई कर न सिर्फ देसी वैक्सीन तैयार करा दी, बल्कि देश में सभी लोगों का नि:शुल्क वैक्सीनेशन भी करा दिया. अन्य देशों में वैक्सीन भेज मानवता की मदद की. राज्यपाल ने पीएम मोदी की तरह समय का सदुपयोग करने की विद्यार्थियों से अपील की. आयुक्त सह कुलपति सुमन कैथरीन किस्पोट्टा ने स्मृति चिह्न और शॉल भेंटकर राज्यपाल सह कुलाधिपति का स्वागत किया और विभावि की उपलब्धियां गिनाईं. कुलसचिव डॉ. कौशलेंद्र कुमार ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. मंच संचालन हिन्दी पीजी विभाग के डॉ. सुनील दुबे व डॉ. केदार सिंह और धन्यवाद ज्ञापन कुलानुशासक डॉ. मिथिलेश कुमार सिंह ने किया.
मंच पर सदर विधायक मनीष जायसवाल, राज्यपाल के ओएसडी और विभावि वित्त परामर्शी सुनील कुमार सिंह भी मौजूद थे. राज्यपाल के समक्ष विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया. कार्यक्रम में पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता, डीसी नैंसी सहाय, एसपी मनोज रतन चोथे, विभावि के सभी डीन, परीक्षा नियंत्रक डॉ. गौरीशंकर तिवारी, सभी विभागाध्यक्ष, एनएसएस को-ऑर्डिनेटर डॉ. जानी रूफिना तिर्की, पीआरओ डॉ. सुकल्याण मोइत्रा, शिक्षक और विद्यार्थी मौजूद थे. राष्ट्रगान और कुलगीत से शुरू हुआ कार्यक्रम राष्ट्रगान के साथ संपन्न हो गया.
टॉपर्स, शिक्षक, शिक्षकेत्तर और सेवानिवृत्त शिक्षक सम्मानित
कुलाधिपति सीपी राधाकृष्णन ने संत विनोबा भावे की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर अपने संबोधन में भी उनका स्मरण किया. उन्होंने जनजातीय, अनुसूचित जाति, पिछड़ों और गरीबों के लिए आरक्षण की वकालत की, ताकि उनका उत्थान हो सके. कहा कि विश्वविद्यालय सिर्फ पढ़ाई के लिए नहीं, विद्यार्थियों में पूरी मानवता के कल्याण का गुण विकसित करने की क्षमता बढ़ाने के लिए स्थापित हुआ है. खुद को विकसित करने और प्लान बना कर सकारात्मक और अलग हट कर काम करने की दिशा में प्रयासरत रहें. इस दौरान राज्यपाल ने दो सेवानिवृत्त शिक्षकों यूनिवर्सिटी कॉमर्स के डॉ. एमके सिंह व आदर्श कॉलेज राजधनवार के डॉ. हरिहर प्रसाद साहू को सम्मानित किया. वहीं, आयुक्त सुमन कैथरीन किस्पोट्टा व अन्य अतिथियों ने सत्र 2020-22 के 20 और 2021-23 के 19 पीजी व वर्ष 2022 के साथ वोकेशनल कोर्स के टॉपरों को सम्मानित किया गया. इस क्रम में 25 शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों के अलावा सेवानिवृत्त शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया. इनमें विभावि के पूर्व वीसी डॉ. केके नाग, अर्थशास्त्र विभाग के प्राध्यापक डॉ. सजल मुखर्जी, राजनीति विज्ञान विभाग की डॉ. रीता कुमारी, डॉ. प्रमोद सिंह आदि शामिल थे.
आयुक्त ने गिनाईं विनोबा भावे विश्वविद्यालय की उपलब्धियां
आयुक्त सुमन कैथरीन किस्पोट्टा ने कहा कि विभावि लगातार प्रगति के पथ पर बढ़ रहा है. वर्तमान में यहां 19 विषयों में पीजी की पढ़ाई हो रही है. वहीं 9 अंगीभूत, 28 संबद्ध, 3 संस्कृत महाविद्यालय, 39 बीएड कालेज, 2 विधि महाविद्यालय व इंजीनियरिंग कॉलेज, एक-एक होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक व डेंटल कॉलेज, एमबीए, एमसीए, बायोटेक्नोलॉजी, फिजियोथेरेपी, एलएलएम, वोकेशनल कोर्सेज, हो, करमाली समेत विभिन्न जनजातीय भाषाओं की पढ़ाई हो रही है. इसके अलावा आर्टफिशियल इंटीलिजेंस और साइबर सिक्योरिटी के कोर्स कराए जा रहे हैं. पूरा कैंपस पर्यावरण सुरक्षा और हरित ऊर्जा के प्रति संकल्पित है. सौर ऊर्जा का सदुपयोग किया जा रहा है. दो बास्केटबॉल कोर्ट समेत व्यायामशाला, सेंट्रल और डिजिटल लाइब्रेरी उपलब्ध है. सत्र 2022-23 के सर्टिफिकेट डिजिटलाइजेशन किए जा चुके हैं. परीक्षाएं नियमित ली जा रही हैं. पेंशन और फैमिली पेंशन सुधार में वित्त विभाग की सराहनीय भूमिका रही है. शिक्षकेत्तर कर्मियों का एसीपी, एनएसपी का निर्णय लिया गया है. ग्रेच्युटी 10 से बढ़ा कर 20 लाख करने का प्रस्ताव लिया गया है. ट्राइबल स्टडी के भवन निर्माण और शिक्षकों के पद स्वीकृति का प्रस्ताव भी है.
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