Ranchi : कोरोना की दूसरी लहर में सक्रमण अब धीरे-धीरे कम हो रहा है. दूसरी लहर में संक्रमण का ग्राफ जब अपने उच्चतम स्तर पर था, तब संक्रमितों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही थी. वहीं मरने वालों की संख्या में भी बढ़ रहा था. उसी दौरान झारखंड सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत करीब 650 इंजीनियर प्रदेशभर में संक्रमित हुए. जिनमें से 300 से ज्यादा इंजीनियरों को बेहतर इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती कराया गया. संक्रमित होने के बाद ज्यादातर इंजीनियर स्वस्थ हो गए. कोरोना को हराने में सफलता पाई. वहीं प्रदेशभर में कुल 33 इंजीनियरों की जांच चली गई.
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इंजीनियर पेयजल, जल संसाधन और पथ निर्माण विभागों के महत्वपूर्ण पदों पर पदस्थापित थे
कोरोना संक्रमण के दौरान मरने वाले इंजीनियर पेयजल, जल संसाधन और पथ निर्माण विभागों के महत्वपूर्ण पदों पर पदस्थापित थे. इनके जाने के बाद सचिवालय और कार्यालय में आज भी कुर्सिया खाली है. कई रिटायर्ड इंजीनियरों की भी मौत हुई. कोरोना संक्रमण से मरने वाले यह सभी इंजीनियर, डोरंडा स्थिति इंजीनियरिंग भवन के मेंबर थे. इंजीनियरिंग भवन कमेटी के चेयरमैन एसआर सिंह ने बताया कि कई इंजीनियरों के जाने का असर सरकारी काम काज पर पड़ रहा है. जिन इंजीनियरों की मौत हुई, उनमें से ज्यादातर पेयजल विभाग, जल संसाधन विभाग, पथ निर्माण विभाग आदि में इंजीनियर काम कर रहे थे.
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इन इंजीनियरों की मौत हुई कोरोना संक्रमण से
अरबिंद कृ सिंह
अखौरी अवधेश्वर सहाय
अनिल कुमार
राजेंद्र प्रसाद
नवीन कृ वर्मा
विद्या सागर चौधरी
गणेश चंद्र झा
सुबोध कृष्ण सिन्हा
श्याम सुंदर महतो
शिशिर कृ चौधरी
महेंद्र सिंह
सृष्टि धर मोदी सीई
मनोज कुमार चौधरी
शंकर प्रसाद
सरफराज अहमद
विनय कृष्ण सिन्हा
स्वेता रेजिना टोप्पो
राजेंद्र प्रसाद
धनेश्वर उरांव
शंकर पीडी वर्मा
विजय कुमार
सल्खू टुड्डू
राधेश्याम राम
सुरेंद्र पीडी सिंह
शैलेश कुमार
सुभाष कुमार
राकेश रोशन
बिरशा उरों
गुप्तेश्वर राम
महेंद्र कर महतो
हरिमुनि राम
सुशील कुमार रवि
इंजीनियर तौकिर आलम
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