Ranchi: शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का वर्चुअल उदघाटन हाईकोर्ट के न्यायाधीश और झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस सुजित नारायण प्रसाद के द्वारा रांची सिविल कोर्ट के कान्फ्रेंश हॉल में किया गया. जस्टिस सुजित नारायण प्रसाद ने लोक अदालत को त्वरित और सुलभ न्याय का माध्यम बताया. उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व में राष्ट्रीय लोक अदालत का उदघाटन झालसा से होता था, आज व्यवहार न्यायालय, रांची से हो रहा है, यह पहला अवसर है और आगे भी उदघाटान कार्यक्रम रांची से करने का हमारा प्रयास होगा. मध्यस्थता के माध्यम से वादों का निस्तारण कर वादकारियों को लाभा पहुंचाना है, ताकि वादकारियों का धन व समय का बचत हो.
उन्होंने रांची सिविल कोर्ट में लगाये गये जेएसएलपीएस के दीदीयों का स्वयं सहायता समूह के द्वारा लगाये गये सभी स्टॉल का मुआयना भी किया, साथ-ही-साथ आठवी कक्षा के बालिका-बालिकाओं के बीच साईकल का भी वितरण माननीय के द्वारा किया. कार्यक्रम के दौरान लोक अदालत में लाभुकों के बीच माननीय न्यायामूर्ति ने चेक का वितरण भी किये उन्होंने 05 वाहन दुर्घटना पीड़ित परिवार के बीच 1,59,74,008 रूपये के चेक का वितरण अपने हाथों से किया. इसके साथ ही अजीविका स्वयं सहायता समूह के बीच 296,01,00000 रुपये के परिसंपत्ति का वितरण किया गया.
निस्तारण का सुलभ माध्यम है लोक अदालतः दिवाकर पांडे
इस दौरान रांची सिविल कोर्ट के प्रधान न्यायायुक्त दिवाकर पांडे ने कहा कि वादों के निस्तारण का सुलभ माध्यम है लोक अदालत. इसके साथ ही उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि जस्टिस सुजित नारायण के निर्देश पर पिछले वर्ष लंबित वादों के निस्तारण में हमलोग अव्वल रहे, यह गौरव की बात है. राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन के लिए न्यायिक दण्डाधिकारियों के लिए 37 बेंच एवं कार्यपालक दण्डाधिकारियों के लिए 19 बेंच का गठन किया गया था. राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल लंबित मामले 36675 तथा प्री-लिटिगेशन के 255856 वादों का निस्तारण किया गया साथ ही 154,84,08,288 राशि का सेटलमेंट हुआ.
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