Ranchi : जिसका कोई नहीं है उसका मुक्ति संस्था है. मुक्ति संस्था पिछले सात सालों से अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वाह करते आ रहा है. संस्था वैसे शवों का अंतिम संस्कार करते आ रहा है, जिसका इस दुनिया में कोई नहीं है. दरसअल मुक्ति संस्था के द्वारा आज रिम्स मोर्चरी में रखे गए 39 लावारिस पार्थिव शव का अंतिम संस्कार किया गया. संस्था के अध्यक्ष प्रवीण लोहिया ने मुखाग्नि दिया. इस दौरान संस्था के सभी सदस्यों ने कोरोना काल को देखते हुए अपने घर से ही शवों के मुक्ति के लिए प्रार्थना की. रिम्स मोर्चरी में रखे हुए शव को रांची नगर निगम और रिम्स के कर्मचारियों के सहयोग से जुमार नदी ले जाया गया.
चिता सजी और हुआ सामूहिक अंतिम संस्कार
मुक्ति संस्था के अध्यक्ष प्रवीण लोहिया ने कहा कि प्रत्येक दो महीने के अंतराल पर संस्था के द्वारा लावारिस शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है.
इस पुनीत कार्य में संस्था के लोग पिछले सात सालों से लगे हुए हैं. संस्था के द्वारा अब तक 1221 शवों का अंतिम संस्कार किया गया है.
अंतिम संस्कार में ऑनलाइन अरदास किया गया
अध्यक्ष प्रवीण लोहिया जिस समय शवों को मुखाग्नि दे रहे थे, उस समय ऑनलाइन अरदास सम्पन्न कराया गया. उसके बाद अध्यक्ष ने मुखाग्नि भेंट की. अध्यक्ष प्रवीण लोहिया ने मुक्ति संस्था के सभी सदस्यों को घर पर ही रहने का अनुरोध किया था और अकेले ही कार्यक्रम करने गए. इसके बाद रिम्स के कर्मचारियों की मदद से कार्यक्रम सम्पन्न किया गया.