देरी होती है. जिससे कई मामलों में सही समय पर फैसला नहीं आ पाता है.
इलाहाबाद और कलकत्ता हाईकोर्ट में जजों की भारी कमी
रिकॉर्ड की बात करें तो हाईकोर्ट्स में नियुक्तियां हो भी जाएं तो अधिकतर जजों की स्वीकृत संख्या के मुकाबले कम से कम चालीस फीसदी कमी ही रहेगी. क्योंकि देश के बड़े हाईकोर्ट्स में अगर इलाहाबाद हाईकोर्ट की बात करें तो यहां कुल जजों की स्वीकृत संख्या 160 है लेकिन 68 जजों की कमी है. इन नियुक्तियों के बावजूद बड़ा गैप रहेगा कलकत्ता हाईकोर्ट में जजों की स्वीकृत संख्या है 72 लेकिन नियुक्त सिर्फ 36 की ही है. इसे भी पढ़ें- कीनन">https://lagatar.in/first-night-vaccination-centre-begins-at-keenan-stadium-10000-people-a-day-can-also-take-vaccine-in-offline-mode/">कीननस्टेडियम में शुरू हुआ पहला रात्रि वैक्सीनेशन केंद्र, एक दिन में 10 हज़ार लोग भी ऑफलाइन मोड में ले सकते हैं टीका [wpse_comments_template]
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