Lagatar Desk: देश के 25 हाईकोर्ट में न्यायधीशों के 465 पद रिक्त पड़े हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कोलेजियम सिस्टम से 68 पदों पर नियुक्ति की सिफारिश भेजी है. इन जजों की देश के 12 हाईकोर्ट में नियुक्ति की जाएगी. उम्मीद जतायी जा रही है कि एक-दो दिनों में सिफारिश पर केंद्र सरकार अपनी मंजूरी दे सकती है. जजों की कमी से मामलों की सुनवाई में लगातार देरी होती है. जिससे कई मामलों में सही समय पर फैसला नहीं आ पाता है.
इलाहाबाद और कलकत्ता हाईकोर्ट में जजों की भारी कमी
रिकॉर्ड की बात करें तो हाईकोर्ट्स में नियुक्तियां हो भी जाएं तो अधिकतर जजों की स्वीकृत संख्या के मुकाबले कम से कम चालीस फीसदी कमी ही रहेगी. क्योंकि देश के बड़े हाईकोर्ट्स में अगर इलाहाबाद हाईकोर्ट की बात करें तो यहां कुल जजों की स्वीकृत संख्या 160 है लेकिन 68 जजों की कमी है. इन नियुक्तियों के बावजूद बड़ा गैप रहेगा कलकत्ता हाईकोर्ट में जजों की स्वीकृत संख्या है 72 लेकिन नियुक्त सिर्फ 36 की ही है.
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