New Delhi : आज 25 जून को इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने कहा कि यह भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक है. भारत के लोग इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाते हैं.
When the Emergency was imposed, I was a young RSS Pracharak. The anti-Emergency movement was a learning experience for me. It reaffirmed the vitality of preserving our democratic framework. At the same time, I got to learn so much from people across the political spectrum. I am… https://t.co/nLY4Vb30Pu
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2025
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमलावर होते हुए सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, आज के दिन भारतीय संविधान के मूल्यों को दरकिनार कर दिया गया. लोगों के मौलिक अधिकार छीन लिये गये. प्रेस की स्वतंत्रता खत्म कर दी गयी. राजनीतिक नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डाला गया.
याद करें कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगा दिया था, जो 21 मार्च 1977 तक यानी 21 माह तक लागू रहा था. पीएम ने एक्स पर पोस्ट किया, आपातकाल के खिलाफ लड़ाई करने वालों को सलाम.
उन्होंने लिखा कि हम आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में डटे रहने वाले हर व्यक्ति को सलाम करते हैं. ये पूरे भारत से, हर क्षेत्र से, अलग-अलग विचारधाराओं से आये लोग थे, जिन्होंने एक ही उद्देश्य से एक-दूसरे के साथ मिलकर काम किया.
पीएम ने लिखा कि भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा करना और उन आदर्शों को बनाये रखना, जिनके लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया. यह उनका सामूहिक संघर्ष ही था, जिसने सुनिश्चित किया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार को लोकतंत्र बहाल करना पड़ा और नये चुनाव कराने पड़े, जिसमें वे बुरी तरह हार गये.
पीएम ने लिखा कि आपातकाल के समय मैं आरएसएस का युवा प्रचारक था. उन्होंने अपनी द इमरजेंसी डायरीज का जिक्र करते हुए लिखा कि जब आपातकाल लगाया गया था, तब मैं आरएसएस का युवा प्रचारक था. आपातकाल विरोधी आंदोलन मेरे लिए सीखने का एक अनुभव था.
पीएम मोदी ने लिखा कि इसने हमारे लोकतांत्रिक ढांचे को बचाये रखने की अहमियत दिखायी. मुझे राजनीतिक स्पेक्ट्रम के सभी लोगों से बहुत कुछ सीखने को मिला. मुझे खुशी है कि ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन ने उन अनुभवों में से कुछ को एक किताब के रूप में संकलित किया है, जिसकी प्रस्तावना एचडी देवेगौड़ा ने लिखी है, जो खुद आपातकाल विरोधी आंदोलन के एक दिग्गज थे.
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