: साहब !आपका लेटर डस्टबिन में पड़ा रहता है, विभाग नहीं करता काम
15 अक्टूबर से परायण पाठ शुरू होगा
वहीं 15 अक्टूबर को परायण पाठ प्रारंभ होगा. परायण पाठ गिरिडीह के श्रीराम कथा वाचक अनिल वाचस्पति के द्वारा कराया जायेगा. शाम में मथुरा व वृंदावन के कलाकारों के द्वारा रामलीला का मंचन किया जायेगा. बातचीत के दौरान विधायक श्री राम ने बताया कि 1974 में जब यह आयोजन प्रारंभ हुआ था, तो उस समय इस आयोजन में मात्र सात हजार रुपये खर्च आया था. जबकि आज इस आयोजन में दस लाख रुपये से अधिक खर्च होता है. पाठकर्त्ता एवं अन्य श्रद्धालुओं के लिए महायज्ञ समिति के द्वारा हर सुविधा प्रदान की जाती है. पहले दर्जन भर महिलाएं व पुरोहित इस पाठ में बैठते थे. जबकि अब प्रति वर्ष पांच सौ से अधिक महिलाएं और कुंवारी कन्याएं परायण पाठ करती है. आयोजन पद्धति अब भी वही है, जो शुरुआती दौर में था. सुबह पांच बजे से सात बजे तक पूजा अर्चना, आठ बजे से दोपहर दो बजे तक तक ब्राह्मणों और महिला श्रद्धालुओं के द्वारा रामचरित मानस का पाठ होता है, संध्या में आरती होती है. कुछ वर्ष पूर्व तक रात्रि में विद्वानों का प्रवचन होता है. लेकिन विगत तीन-चार वर्षों से रामलीला व रासलीला का आयोजन किया जा रहा है. शारदीय नवरात्र के 10 दिनों तक के इस आयोजन से पूरे शहर का वातारण भक्तिमय एवं राममय हो जाता है. यदि यह आयोजन न हो तो शहर में नवरात्र और दशहरा का आनंद ही फीका पड़ जायेगा. महायज्ञ समिति के पदधारी पूरे मनोयोग से आयोजन को सफल बनाने में सक्रिय रहते हैं. विधायक ने शहर वासियों से इस स्वर्ण जयंती समारोह को सफल बनाने की अपील की है. इसे भी पढ़ें - भाजपा">https://lagatar.in/bjp-takes-a-jibe-at-congress-boycotting-rahul-not-journalists-will-do-good/">भाजपाने कांग्रेस पर कसा तंज, पत्रकारों के नहीं, राहुल के बहिष्कार से होगा भला
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