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नॉर्थ वेस्टर्न गोस्सनर चर्च, रांची में 59 बच्चों ने ग्रहण किया दृढ़ीकरण संस्कार

Ranchi :  नॉर्थ वेस्टर्न गोस्सनर एवेंजेलिकल लुथरन चर्च, हेडक्वार्टर मंडली द्वारा जीईएल चर्च, रांची में आज दृढ़ीकरण संस्कार समारोह का भव्य आयोजन किया गया. इस पवित्र अवसर पर 59 ईसाई बच्चों ने दृढ़ीकरण संस्कार (Confirmation) ग्रहण किया.

 

समारोह के मुख्य अनुष्ठाता थे आर्चबिशप राजीव सतीष टोप्पो, और उनके साथ रेव्ह. यीशु नासरी मिंज, रेव्ह. सलमोन एक्का, रेव्ह. शशि मिंज और रेव्ह. नवीन टोप्पो भी उपस्थित थे. सभी बच्चों ने पारंपरिक वस्त्र पहनकर इस आत्मिक समारोह में भाग लिया.

 

तीन सप्ताह चली तैयारी, 28 मई को हुई समाप्त : दृढ़ीकरण संस्कार के लिए बच्चों की आध्यात्मिक एवं बाइबिल शिक्षा की तैयारी 5 मई से प्रारंभ हुई थी, जो 28 मई को संपन्न हुई.इस अवधि में बच्चों को बाइबल शिक्षाओं के साथ-साथ आत्मिक अनुशासन की शिक्षा दी गई. इस दौरान एक लिखित परीक्षा भी आयोजित की गई, जिसमें सभी बच्चों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया.

 

आत्मिक दृढ़ता का संदेश : रेव्ह. यीशु नासरी मिंज ने अपने प्रवचन में कहा कि प्रभु में विश्वास को और गहरा करना, आत्मा में दृढ़ होना तथा जीवन के हर क्षेत्र में अडिग विश्वास के साथ आगे बढ़ना आवश्यक है. जैसे हम भौतिक जीवन में उन्नति की ओर अग्रसर होते हैं, वैसे ही आत्मिक जीवन में भी दृढ़ता और समर्पण जरूरी है.यीशु मसीह में बने रहकर ही हम दोनों क्षेत्रों में संतुलित विकास कर सकते हैं.

 

उन्होंने आगे कहा कि मनुष्य का हृदय कई बार चट्टान की तरह कठोर हो सकता है, ठीक वैसे ही जैसे समुद्र में वर्षों रहने के बाद भी चट्टान भीगती नहीं है. लेकिन प्रभु की आत्मा ऐसी कठोरता को कोमल बना सकती है.

 

संस्कार का उद्देश्य केवल परंपरा नहीं, आत्मा का नवीनीकरण है : रेव्ह. मिंज ने यह भी बताया कि दृढ़ीकरण संस्कार केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि आत्मा का नवीनीकरण है, जो प्रेम, विश्वास, नम्रता और संयम जैसे आत्मिक फलों से भरपूर होता है.

 

इस संस्कार के माध्यम से मनुष्य प्रभु के वचनों में स्थिर होता है और उसमें ईश्वरीय आशीषों की वर्षा होती है.ऐसा जीवन आत्मा के नौ फलों - प्रेम, आनंद, कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, संयम को प्रकट करता है.

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