Ranchi : झारखंड में हर महीने 60 व्यक्ति लापता हो रहे हैं. राज्य के अलग-अलग जिले से पिछले 46 महीने में ( साल 2017 से लेकर साल 2021 के अक्टूबर महीने तक) 2727 व्यक्ति लापता हुए हैं, जिनमें से 2355 व्यक्ति सकुशल बरामद किए गए है. जबकि 372 लोगों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है. जिन व्यक्तियों का कोई सुराग नहीं मिला है. उनकी खोज झारखंड पुलिस के द्वारा की जा रही है.
इसे भी पढ़ें – झारखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविका-सहायिका सरकारी नहीं, केवल मानदेय पर कार्यरत कर्मचारी है, सदन की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित
घर से लोगों के लापता होने का मामला लगातार बढ़ रहा
घर से लोगों के लापता होने का मामला लगातार बढ़ता ही जा रहा हैं. झारखंड पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, राज्य से रोजाना औसतन 2 लोग लापता हो रहे हैं. इनमें पुरुष, महिला और बच्चे शामिल है. लापता हुए व्यक्तियों में कई ऐसे व्यक्ति भी शामिल हैं जिनकी मौत हो चुकी है.
इसे भी पढ़ें –लोहरदगा : 50 किलो विस्फोटक के साथ दो गिरफ्तार, माओवादियों को सप्लाई किये जाने की आशंका
मानव तस्करों के निशाने पर ज्यादातर नाबालिग बच्चियां
झारखंड से गायब बच्चे देश के बड़े शहरों में फंसे हैं. अनेक तो कारखानों में कैद होकर बंधुआ मजदूरी कर रहे हैं. कई बच्चियां घरेलू काम में लगा दी गयी हैं. कईयों को गलत धंधों में भी ढकेल दिया गया हैं. ज्यादातर बेटियों को नौकरी लगाने का झांसा देकर मानव तस्कर बड़े शहरों में ले जाते हैं और वहां उसका सौदा कर देते हैं. बेहद पिछड़े और सुदूर जंगलों में बसे गांवों की लड़कियों और बच्चों की तस्करी करने के कई मामलों की प्राथमिकी तक दर्ज नहीं हो पाती है. क्योंकि लोग अशिक्षित हैं और जागरूकता का अभाव है. मानव तस्करों के निशाने पर ज्यादातर नाबालिग बच्चियां होती हैं.
इसे भी पढ़ें –रिम्स में भर्ती ब्लैक फंगस की संदिग्ध महिला मरीज की मौत, डॉक्टरों ने कहा, स्थिति गंभीर थी