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झारखंड के 7 लाख किसानों का होगा 50 हजार तक का कर्ज माफ, 2000 करोड़ होगा खर्च, जानें कैबिनेट के फैसले

Ranchi: गठबंधन सरकार चुनाव से पहले किये अपने वायदे को पूरा करने की ओर अग्रसर है. मंत्रिपरिषद की बैठक में इस बात पर मुहर लगी है कि सरकार की तरफ से कृषि विभाग राज्य के लगभग सात लाख किसानों का 50,000 रुपए तक का कर्जा माफ करेगा. इसके लिए सरकार द्वारा विभाग को 2000 करोड़ देने की स्वीकृति मिली है. यह राहत राज्य के सभी रैयत और गैर रैयत किसानों को मिलने वाली है. विभाग की तरफ से यह राशि सीधा डीबीटी के माध्यम से उन किसानों के खातों में जायेगी, जिन्होंने 31 मार्च 2020 तक कृषि संबंधी बैंकों से लोन लिया है. हर किसान परिवार के एक सदस्य का ऋण माफ करने पर सहमति बनी है. इसके लिए किसान से सिर्फ एक रुपया सेवा शुल्क लिया जायेगा. कैबिनेट सचिव अजय कुमार सिंह ने मीडिया को बताया कि अभी झारखंड में करीब 12.98 लाख किसानों के खाते हैं. जिनपर करीब 5800 करोड़ का लोन बकाया है. लेकिन इनमें से फिलहाल करीब नौ लाख खाते एक्टिव हैं. इन नौ लाख खातों में करीब सात लाख किसानों को ऋण माफी का फायदा मिल सकता है. इसे भी पढ़ें : चतराः">https://lagatar.in/chatra-po-and-engineer-reinstated-in-the-disappearance-of-40-mnrega-roads/11932/">चतराः

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दस एसटी स्टूडेंट्स पढ़ाई के लिए जायेंगे विदेश

झारखंड सरकार की तरफ से अब दस मेधावी छात्रों को उच्चस्तरीय पढ़ाई के लिए विदेश भेजा जायेगा. इस बात बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में स्वीकृति मिल गयी है. पढ़ाई से लेकर हर जरूरी चीज जैसे ट्यूशन फीस, सालाना खर्च, वीजा, मेडिकल यात्रा खर्च और लोकल यात्रा के खर्च के लिए सरकार की तरफ से छात्रवृति दी जायेगी. इसे भी पढ़ें :  गोमिया">https://lagatar.in/gomiyas-daughters-magic-new-idea-given-for-organic-farming-through-the-floating-garden-of-hyacinth/11916/">गोमिया

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जानें कैबिनेट के दूसरे जरूरी फैसले

राज्य के किसानों को फसल बीमा का भुगतान अब बीमा कंपनियों की तरफ से नहीं बल्कि राज्य सरकार की ही तरफ से किया जायेगा. हर साल बीमा कंपनियों को जितना भुगतान किया जाता था, उतनी राशि का बीमा कंपनियों की तरफ से नहीं बांटी जाती थी. 2016 में सरकार की तरफ से बीमा कंपनियों को 153 करोड़ का भुगतान किया गया लेकिन कंपनी ने किसानों के बीच सिर्फ 29 करोड़ का भुगतान किया. उसी तरह 2017 में 114 करोड़ में से 36 करोड़ और 2018 में 225 करोड़ की एवज में सिर्फ 13 करोड़ का भुगतान किया गया. इसलिए सरकार ने यह फैसला लिया है कि फसल में हुए नुकसान की भरपायी कृषि विभाग की तरफ से की जायेगी. -              झारखंड प्रशासनिक सेवा के पदों की संख्या 1517 से घटकर 1460 हो गयी. इनमें 39 नये पद जुड़े हैं, वहीं पुराने 96 पदों को हटा लिया गया है. -              लाह फार्मिंग के लिए वन विभाग और ग्रामीण विभाग के सामूहिक प्रयास से 12 लाख परिवारों की आय सालाना 5200 बढ़ाने के लिए योजना तैयार की गयी है. -              गेतलसूद डैम की मरम्मति  के लिए 10 करोड़ रुपए की स्वीकृति -              राज्य भर के एनआईए से जुड़ी शिकायत अब धुर्वा थाना में हो सकेगी. -              सांसदों और विधायकों से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए रांची और धनबाद के अलावा हजारीबाग, दुमका, डालटेनगंज और पश्चिमी सिंहभूम में कोर्ट खोले जायेंगे. -              सरकारी नौकरी में उम्र सीमा के निर्धारण पहले की ही तरह यथावत है. सिर्फ ईडब्लयूएस के लिए उम्र सीमा 35 वर्ष तक के लिए की गयी है. दिव्यांग होने की स्थिति में यह सीमा 45 वर्ष कर दी गयी है. -              नगर विकास विभाग की तरफ से अब भू-अर्जन की  तर्ज पर नहीं बल्कि लैंड पुलिंग की तर्ज पर क्षेत्र का विकास किया जायेगा. विकास के लिए जितने क्षेत्र की जरूरत होगी उसे पूरा होने के बाद बाकी बचे जमीन को रैयतों को वापस कर दिया जायेगा. -              आयुष चिकित्सकों की रिटायरमेंट की उम्र सीमा बढ़ाकर 60 से 65 कर दी गयी है. साथ ही उनके वेतनमान में भी बढ़ोतरी की गयी है. -              सीएम श्रमिक योजना के तहत 10 करोड़ राशि की स्वीकॉति की गयी है. -              आंगनबाड़ी और लघु आंगनबाड़ियों में 6-36 महीने के बच्चे, गर्भवति महिला, धातृ महिला, 6-72 महीने के अति कुपोषित बच्चों को पूरक पोषाहार दिया जायेगा. इसके लिए सरकार की तरफ से टेक टू होम व्यवस्था की जा रही है. कल्याण विभाग की तरफ से टेंडर प्रक्रिया के तहत इस काम में माहिर कंपनियों को काम दिया जायेगा. -              पिछड़ी जाति वर्ग में धुनिया (कैबर) जाति को भी शामिल किया गया है. इसे भी पढ़ें : दल-बदल">https://lagatar.in/supreme-court-reached-case-of-defection-babulal-filed-a-caveat/11910/">दल-बदल

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