सरायकेला-खरसावां जिला
बिजली विभाग के राजखरसावां सबडिवीजन में 28 हजार उपभोक्ता हैं. प्रतिमाह यहां से 45 से 50 लाख रुपये बिजली बिल के रूप में विभाग को राजस्व मिलता है. इसके अधीन कुचाई, राजखरसावां, असुरा में एक-एक पावर सब स्टेशन हैं, जबकि बड़ाबांबो के गोंडामारा में एक पावर सब स्टेशन निर्माणाधीन है. इस समय खरसावां-कुचाई के ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिदिन पांच से सात घंटे तक बिजली की कटौती हो रही है. इसे भी पढ़ें-धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-awareness-chariot-set-out-to-give-message-of-save-girl-will-roam-in-all-blocks/">धनबाद: कन्या बचाओ का संदेश देने निकला जागरूकता रथ, सभी प्रखंडों में घूमेगा पावर सब स्टेशन को भी ग्रिड से जरुरी बिजली नहीं मिल पा रही है. इस कारण बिजली की कटौती करनी पड़ रही है. गर्मी के कारण अक्सर इंसुलेटर भी पंचर हो रहे हैं. साथ ही बिजली के तार भी टूट कर गिर रहे हैं. इन्हें दुरुस्त करने के लिये भी पावर सब स्टेशन से लाइन कट करना पड़ रहा है. टूटे बिजली के तार तथा इंसुलेटर की मरम्मत के लिये मैन पावर की काफी कमी है. ऐसे में लाइन में आई फॉल्ट को खोज कर दुरुस्त करने में घंटों समय लग जाता है. लाइन मैन की कमी के कारण ही बिजली लाइन पर आई छोटे से छोटे फॉल्ट को दुरुस्त करने में भी घंटों लग जाते हैं.
पश्चिमी सिंहभूम
चाईबासा विद्युत सर्किल को जहां 18 मेगावाट विद्युत आपूर्ति होती थी, वह घटकर अब 13 मेगावाट हो गयी है. ग्रामीण क्षेत्रों में चार-चार घंटे के पावर कट हो रहे हैं. गांवों में 14 से 16 घंटे ही बिजली आपूर्ति हो पा रही है. सदर प्रखंड की कुर्सी पंचायत, जिसमें छह गांव आते हैं, की स्थिति बहुत खराब है. बिजली की आंखमिचौली से ग्रामीण परेशान हैं. विद्युत विभाग के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के प्रभारी गौतम राणा ने बताया कि सर्किल को 18 मेगावाट बिजली मिलती थी, जो घटकर 13 मेगावाट हो गयी है. इसे भी पढ़ें-गिरिडीह">https://lagatar.in/giridih-there-is-acute-shortage-of-drinking-water-in-motileda-population-of-ten-thousand-affected/">गिरिडीह: मोतीलेदा में पेयजल की भारी किल्लत, दस हजार की आबादी प्रभावित मनोहरपुर प्रखंड के सारंडा जंगल स्थित छोटानागरा पंचायत के जोजोगुटू गांव के मुंडा कानूराम देवगम ने बताया कि गांव के छह ट्रांसफार्मर पिछले चार वर्षों से खराब होने की वजह से लोग अंधेरे में रह रहे हैं. दुबिल गांव निवासी वीर सिंह हंसदा के अनुसार गांव के स्कूल टोला, हेंदेदिरी टोला, लोहार टोला, बेडा़ दुबिल, मुंडा टोला और जोजोपी टोला के कुल छह ट्रांसफार्मर 2018 से खराब हैं जिसे ठीक नहीं किया गया. गांव के जिस टोले में ट्रांसफार्मर है वहां 20 घंटे बिजली रहती है. छोटानागरा निवासी सुशेन गोप एवं पंकज ने बताया कि पहले से बिजली की स्थिति में काफी सुधार हुआ है. वर्तमान में लगभग 20 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही थी, लेकिन गर्मी बढ़ने के साथ हीं दिन में अब बिजली काटी जाने लगी है. इसे भी पढ़ें-जमशेदपुर:">https://lagatar.in/jamshedpur-change-in-timing-of-no-entry-from-7th-to-12th-april/">जमशेदपुर:
7 से 12 अप्रैल तक नो इंट्री के समय में परिवर्तन धर्मरगुटू निवासी मोहन हंसदा ने बताया कि हमारे गांव के दोनों ट्रांसफार्मर पिछले एक वर्ष से खराब हैं. गांव के चार-पांच लोग मिलकर लंबा तार खरीदकर दूसरे टोला से बिजली कनेक्शन कर अपने-अपने घरों में जैसे-तैसे बिजली जला रहे हैं. लेकिन कार्बन लगने या अन्य वजह से बिजली की आंखमिचौली जारी रहती है. ऐसा ही हाल छोटानागरा पंचायत के सोनापी, राजाबेडा़, जामकुंडिया, बाईहातु, तितलीघाट, बहदा, बढुईया आदि तमाम गांवों का है. अर्थात गांव के कुछ टोलों में बिजली रहती है तो कुछ ट्रांसफार्मर खराब होने की वजह से वर्षों से अंधेरे में हैं.
पूर्वी सिंहभूम
जमशेदपुर प्रखंड के गदड़ा पंचायत की जनता बोली 15-18 घंटे ही बिजली मिल रही है. दक्षिण गदड़ा पंचायत के मुखिया भीमसेन भूमिज ने बताया कि ग्रामीण समय पर बिजली बिल देना चाहते हैं. लेकिन कई-कई माह तक बिजली बिल नहीं आता है. सामाजिक कार्यकर्ता दीपक कुमार ने कहा कि बिजली की लचर व्यवस्था के खिलाफ वे क्षेत्र के तमाम लोगों को गोलबंद कर मोर्चा खोलेंगे. सारे प्रशासनिक अधिकारी जुस्को की बिजली का लुत्फ उठा रहे हैं. चौबीस घंटे बिजली शहर में मिल रही है. लेकिन पंचायतों में बिजली की लचर व्यवस्था है. यह दोहरी नागरिक सुविधा क्यों? इसे भी पढ़ें-पाकिस्तान">https://lagatar.in/pakistan-strong-remarks-by-the-chief-justice-on-the-deputy-speaker-did-not-perform-the-responsibility-properly-your-decision-is-wrong-verdict-reserved/">पाकिस्तान: चीफ जस्टिस की डिप्टी स्पीकर पर तल्ख टिप्पणी, ठीक से जिम्मेदारी नहीं निभाई, आपका फैसला गलत…फैसला सुरक्षित स्थानीय निवासी व सामाजिक सेवा संघ के अध्यक्ष राजेश सामंत ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के जर्जर बिजली के तार एवं पोल बदलने के लिए विभाग को कई बार मांग पत्र सौंपा गया. लेकिन अधूरी कार्रवाई हुई. कुछ जर्जर पोल बदले गए लेकिन अभी भी कई जगहों पर तार झूल रहे हैं जो भविष्य में दुर्घटना का कारण बन सकते हैं. उन्होंने वरीय अधिकारियों से ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति से वाकिफ होने का आग्रह किया. विद्युत विभाग के महाप्रबंधक प्रतोष कुमार ने बताया कि पूरे कोल्हान में 400 मेगावाट बिजली की डिमांड है, जबकि हमें 300 मेगावाट ही बिजली मिल रही है. इसे भी पढ़ें-झारखंड">https://lagatar.in/ed-may-investigate-the-conspiracy-to-topple-government-in-jharkhand/">झारखंड
में सरकार गिराने की साजिश मामले की ईडी कर सकती है जांच 100 मेगावाट कम बिजली मिलने से लोग को परेशानी हो रही है. एक सवाल के जबाब में उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में लगभग 20 से 22 घंटे एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 16 से 18 घंटे बिजली की सप्लाई की जा रही है. श्री कुमार ने बताया कि 40 नए विद्युत सब स्टेशन बनाए गए हैं,11 और निर्माणाधीन हैं. शहरी क्षेत्र में ट्रांसफार्मर जलने अथवा खराब होने पर 24 घंटे के अंदर ट्रांसफार्मर बदल दिये जा रहे हैं. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में 48 से 72 घंटे में ट्रांसफार्मर बदल दिए जाते हैं.

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