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पूर्वी सिंहभूम जिला उपभोक्ता निवारण फोरम में तीन वर्षों में 72 केस हुए दर्ज, एक भी फैसला नहीं आया

Jamshedpur : उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण के लिए 1986 में सभी राज्यों और जिलों में  उपभोक्ता निवारण फोरम का गठन किया गया. लेकिन कहीं कोरम (अध्यक्ष-सदस्य) नहीं होने तो कहीं कर्मचारियों की कमी के कारण उपभोक्ताओं को न्याय नहीं मिल पा रहा है. यही हाल पूर्वी सिंहभूम जिले में गठित उपभोक्ता निवारण फोरम का है. यहां तीन वर्षों से अध्यक्ष और सदस्य का पद रिक्त है. इस कारण उपभोक्ताओं की शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है. तीन वर्ष में यहां 72 केस दर्ज हुए, लेकिन फैसला तो दूर की बात, एक भी केस अब तक नहीं खुला है. उन्हें समय पर न्याय नहीं मिल रहा है. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 में यह प्रावधान किया गया है कि शिकायत दर्ज होने के 90 दिनों में उसका निपटारा कर दिया जाएगा. लेकिन 90 दिन तो दूर, यहां तीन वर्षों से किसी को न्याय नहीं मिला है. उक्त फोरम के निष्क्रिय होने से सरकार को राजस्व का भी नुकसान हो रहा है.

13 की जगह तीन कर्मचारियों के जिम्मे है काम

[caption id="attachment_149631" align="aligncenter" width="300"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/09/SUNIL-UPBHOKTA1-300x182.jpg"

alt="" width="300" height="182" /> कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी.[/caption] जिला उपभोक्ता निवारण फोरम, पूर्वी सिंहभूम में अध्यक्ष और सदस्य समेत कुल 13 पद सृजित किए गए हैं. लेकिन वर्तमान में यहां तीन कर्मचारी ही कार्यरत हैं. इसमें क्लर्क नीतू पांडेय, पिऊन मोनिका लकड़ा और स्टेनो (हिन्दी) प्रदीप कुमार शामिल हैं. जिलास्तर से एनआईसी से एक कंप्यूटर आॉपरेटर रखा गया है. 2017 में फोरम की सदस्य एनिसेन गुप्ता और जेबी सिंह सेवानिवृत्त हो गए. उसके दो वर्ष बाद अध्यक्ष (न्यायाधीश) पंकज कुमार भी सेवानिवृत्त हो गए.  कार्यालय की लिपिक नीतू पांडेय ने बताया कि अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति को लेकर विभागीय सचिव से पत्राचार किया है, लेकिन अभी तक नियुक्ति नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा कि नियुक्ति और बहाली का मामला सरकार के स्तर का है. यहां अध्यक्ष का एक पद, सदस्य का दो, क्लर्क चार, हिन्दी स्टेनो एक, पिऊन तीन, रात्रि गार्ड एक का पद है. लेकिन एक क्लर्क, एक पिऊन और एक हिन्दी स्टेनो यहां कार्यरत हैं.

तीन वर्षों में उपभोक्ता फोरम में दर्ज केस

2019- 35 केस 2020- 18 केस 2021- 16 केस [wpse_comments_template]

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