Ranchi: रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा संकाय के नागपुरी विभाग में पद्मश्री डॉ गिरिधारी राम गौंझू की 75वीं जयंती मनायी गई. स्वागत गीत शोधार्थी बुद्धेश्वर बड़ाईक ने किया.संचालन नेहा भगत ने की. जबकि धन्यवाद नागपुरी विभाग के रवि कुमार दिया. मौके पर नागपुरी विभाग के डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो ने कहा कि डॉ गिरिधारी राम गौंझू में जन्मजात झारखंडी लोक संगीत गीत कूट-कूट कर भरा था. जाति धर्म संप्रदाय से उपर सोचने वाले व्यक्ति थे. विविध विषयों पर समान रूप से अधिकार रखने वाले विभिन्न विधाओं में पारंगत थे. समग्र रूप से झारखंड को एक साथ लेकर चलते थे. वे अदभुत व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति थे.
पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ उमेश नन्द तिवारी ने कहा कि रचनाओं में झारखंडी संवेदना सहज ही झलकती है. झारखंडी भाषा व संस्कृति को एक नया मुकाम देने का काम किया. सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों से सीधा सरोकार था. वे कभी एक भाषा से बंध कर नहीं रहे. विभाग के सभी भाषाओं के छात्र-छात्राओं, शोधकर्ताओं और संस्कृति कर्मियों को हमेशा वे प्रोत्साहित करता था. ऐसे व्यक्तित्व और कृतित्व को सहजता से भुलाया नहीं जा सकता है. मौके पर सहायक प्राध्यापक डॉ रीझू नायक, रवि कुमार, प्रवीण कुमार, सोनू कुमार, आलोक मिश्रा, उषा कुमारी, पूनम भगत, राजमोहन, श्रीकांत गोप, अनूप गाड़ी, सोनिका कुमारी, सूरज कुमार, जलेश्वर महतो, अभिजीत कुमार, अनिता, संजय, पंकज, दीपशिखा, तबरेज, श्याम सुंदर यादव, नैना तिर्की, भूषण समेत अन्य शामिल थे.
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