Amit Singh Ranchi: झारखंड में सरकारी कार्यालय से करोड़ों के गबन की 78वीं फाइल गायब हो गयी है. गायब फाइल 20 करोड़ रुपए के संदिग्ध निकासी कर भुगतान से संबंधित थी. इस मामले में 12 जनवरी को कोतवाली थाना में मामला दर्ज कराया गया. 20 करोड़ के गबन से संबंधित फाइल पेयजल विभाग रांची के रुक्का प्रमंडल से मिसिंग है. फाइल किसी और ने नहीं, 20 करोड़ के संदिग्ध निकासी ममाले के मास्टरमाइंड शीर्ष कार्य प्रमंडल के कैशियर संतोष कुमार ने खुद गायब की है. करोड़ों के घोटालेबाज जब खुद को फंसता देखते हैं, तो मामले की फाइल ही गायब कर देते हैं. उसके बाद एफआईआर की खानापूर्ति होती है. जांच के नाम पर कागजी कार्रवाई के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है. प्रदेश में सरकारी कार्यालय से फाइल गायब होने का यह पहला मामला नहीं है. प्रदेशभर में अबतक ऐसे 78 मामले दर्ज हो चुके हैं. जिन मामलों की फाइलें गायब हुई हैं, उनमें ज्यादातर मामले वित्तीय अनियमितता एवं जमीन घोटालों से संबंधित हैं. ये ऐसे मामले हैं जिनमें भ्रष्टाचारियों ने खुद को बचाने के लिए सरकारी कार्यालयों से घोटाले से संबंधित दस्तावेज ही गायब कर दिए. इन सभी मामलों में सरकारी अफसरों ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज करा कर खुद को और घोटालेबाजों को बचाने की खानापूर्ति का काम किया है.
शुभम संदेश ने किया था खुलासा, अब जांच प्रभावित
शुभम संदेश ने 6 जनवरी को 20 करोड़ की निकासी शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी. जिसमें बताया था कि कैसे वर्ष 2019-20 के अलावा वर्ष 2022-23 और 2023-23 में कुल 64 चेक से 20 करोड़ की संदिग्ध निकासी कर भुगतान किया गया है. इस मामले में अगले ही दिन पेयजल विभाग जांच कमेटी बनाई. जिसका नेतृत्व अपर सचिव डॉ नेहा अरोड़ा कर रही हैं. जांच टीम में मुख्यालय के मुख्य अभियंता शिशिर सोरेन, संयुक्त सचिव सदानंद झा, लोहरदगा प्रमंडल के लिपिक अमरेश कुमार और रुक्का प्रमंडल के लेखा पदाधिकारी शामिल हैं. जांच टीम ने जैसे ही अपनी कार्रवाई शुरू की, रुक्का प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता से संपर्क किया, वैसे ही करोड़ों के संदिग्ध भुगतान से संबंधित फाइल गायब हो गई. दस्तावेज के अभाव में जांच प्रभावित हो गयी है. इन विभागों से गायब हो चुकी है फाइल
प्रदेश के सरकारी कार्यालयों से फाइलें चोरी हुई हैं, उनमें केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और उपायुक्त कार्यालय भी शामिल हैं. इनके अलावा अपर समाहर्ता कार्यालय रांची, राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग, सेंट्रल यूनिवर्सिटी, रांची यूनिवर्सिटी, झारखंड रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी, शिक्षा विभाग, जिला कल्याण विभाग रांची आदि शामिल हैं. इस संबंध में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है. प्राथमिकी में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि घोटालों में शामिल लोग ही सरकारी कार्यालयों से दस्तावेज गायब करवा रहे हैं. अरबों के वित्तीय अनियमितता की जांच प्रभावित
एक अनुमान के मुताबिक, पिछले पांच वर्षों में 676 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितता, जमीन घोटाले से संबंधित दस्तावेज या संचिका सरकारी कार्यालय से गायब हो चुकी हैं. रांची की कोतवाली, धुर्वा, गोंदा और नामकुम थानों में ऐसे एक दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं. ये ऐसे मामले हैं जिनमें भ्रष्टाचारियों ने खुद को बचाने के लिए सरकारी कार्यालय से घोटाले से संबंधित दस्तावेज ही गायब कर दिए. केस स्टडी-1 16 जुलाई 2023: सीबीआई के कांके रोड स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई. यह प्राथमिकी एसीबी निर्गत शाखा में पदस्थापित आरक्षी राजू रंजन कुमार ने दर्ज करायी है. केस स्टडी-2 15 जून 2023: झारखंड रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी के कार्यालय से 10 महत्वपूर्ण फाइलें गायब हो गई हैं. रजिस्ट्रार कर्नल डॉ. राजेश कुमार ने इस संबंध में 16 जून 2023 को गोंदा थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. केस स्टडी-3 रांची के अपर समाहर्ता भू-हदबंदी कार्यालय से कई जमीनों के दस्तावेज गायब हो गए हैं. इसे लेकर अपर समाहर्ता राकेश कुमार ने कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है. केस स्टडी-4 राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा धुर्वा थाने में तत्कालीन अवर सचिव सुनील कुमार ने प्राथमिकी दर्ज कराई. यह प्राथमिकी विभागीय सचिव के निर्देश पर कराई गई. केस स्टडी-5 रांची विवि द्वारा शिक्षकों को सातवें वेतनमान के एरियर के रूप में राज्य सरकार को गलत जानकारी देकर लिए गए 109.50 करोड़ रुपए से संबंधित मामले की संचिका गायब हो गई है. आनन-फानन में विवि के जिम्मेवारों ने गायब संचिका की जानकारी थाने को दी. [wpse_comments_template]
Leave a Comment