Ranchi: सातवीं जेपीएससी मुख्य परीक्षा से जुड़ी हस्तक्षेप याचिका पर मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जस्टिस राजेश शंकर की कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई. इस दौरान हाईकोर्ट ने मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. जेपीएससी की ओर से जारी मॉडल आंसर में गलत जवाब होने का दावा करने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने परीक्षा पर रोक लगाने से इनकार किया है. बता दें कि इसे लेकर प्रार्थी शेखर सुमन ने हस्तक्षेप याचिका दायर की थी.
हाईकोर्ट ने याचिका को किया खारिज
कोर्ट ने इस हस्तक्षेप याचिका को खारिज कर दिया है. याचिका में कहा गया था कि जेपीएससी ने गलत मॉडल आंसर के आधार पर प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया है. इससे पूर्व सभी अभ्यर्थियों से इसे लेकर जेपीएससी ने आपत्ति मांगी थी. अभ्यर्थियों ने कई प्रश्नों का उत्तर गलत होने का दावा किया था. अभ्यर्थियों ने संबंधित दस्तावेजों को जेपीएससी को भेज दिया था. आरोप है कि जेपीएससी ने गलत आंसर के आधार पर ही परिणाम जारी कर दिया. इस कारण मुख्य परीक्षा पर रोक लगा देनी चाहिए.
पेपर वन के छह और पेपर टू के दो मॉडल आंसर गलत
प्रार्थी की ओर कहा गया कि पेपर वन के छह और पेपर टू के दो मॉडल आंसर गलत बताते हुए संबंधित दस्तावेज जेपीएससी सौंपा गया था. लेकिन जेपीएससी की ओर से संशोधित परिणाम में उक्त आंसर को सुधारा नहीं गया. इसलिए परिणाम को निरस्त कर मुख्य परीक्षा पर रोक लगानी चाहिए.
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