कुमार ने लालू यादव से की मुलाकात, जाना हालचाल, सामाजिक-राजनीतिक परिस्थितियों पर की चर्चा)
विज्ञापन की शर्तों के अनुरूप नहीं था, यह कहकर रद्द कर दिया गया जाति प्रमाण पत्र
बता दें कि JPSC से जुडी अलग-अलग 6 रिट याचिकाओं पर हाईकोर्ट के न्यायधीश जस्टिस रंगोन मुखोपाध्याय की अदालत में सुनवाई हुई. प्रार्थी सूरज कुमार रजक की ओर से अधिवक्ता सुभाशीष रसिक सोरेन ने हाईकोर्ट में पक्ष रखा. वहीं JPSC की ओर से अधिवक्ता संजोय पिपरवाल और अधिवक्ता प्रिंस कुमार ने पक्ष रखा. प्रार्थियों ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्हें अपनी केटेगरी में कट ऑफ से ज्यादा अंक मिले हैं. लेकिन JPSC ने उनके जाति प्रमाण पत्र को यह कहकर रद्द कर दिया है कि जाति प्रमाण पत्र विज्ञापन की शर्तों के अनुरूप नहीं था. जिसकी वजह से कई अभ्यर्थियों का चयन नहीं हुआ. इसे भी पढ़ें : माफियागिरी">https://lagatar.in/mafiagiri-ended-a-long-time-ago-we-are-just-being-rubbed-said-atiq-ahmed/">माफियागिरीतो कब की खत्म हो गयी, बस हमें रगड़ा जा रहा है, बोला अतीक अहमद, आज प्रयागराज कोर्ट में पेशी [wpse_comments_template]