New Delhi : राजनीतिक दलों को मिलने वाले चुनावी चंदे(इलेक्टोरल बॉन्ड) को लेकर बड़ी खबर आयी है. 2018 में योजना की शुरुआत के बाद से 12,979.10 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड बेचे गये हैं. 4 मई को SBI ने यह जानकारी दी है. उसके अनुसार अप्रैल में हुई बिक्री की हालिया 26वीं किश्त पर नजर डालें, तो राजनीतिक दलों द्वारा चुनावी बांड में आज तक 12,955.26 करोड़ रुपये भुनाये गये हैं. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
द इंडियन एक्सप्रेस के RTI आवेदन के जवाब में एसबीआई ने कहा कि 25 राजनीतिक दलों ने इस योजना के तहत इन बांडों को भुनाने के लिए बैंक खाते खोले, जो भारतीय नागरिकों और कॉरपोरेट्स द्वारा गुमनाम राजनीतिक फंडिंग को सक्षम बनाता है. RTI में जो सामने आया, उसके अनुसार पांच शहरों, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, दिल्ली और चेन्नई में अब तक बेचे गये सभी इलेक्टोरल बॉन्ड का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा है.
कुल चुनावी बॉन्ड का 26.16 फीसदी हिस्सा मुंबई में बेचा गया
बिक्री के आंकड़ों पर नजर डालें तो पार्टियों को पैसा मुख्य रूप से पांच बड़े शहरों से आ रहा है. साथ ही चुनावी बांड भुनाने को लिए एसबीआई की नयी दिल्ली शाखा पसंदीदा शाखा है.मुंबई चुनावी बॉन्ड खरीदने के मामले में नंबर वन रहा है. यहां बेचे गये चुनावी बॉन्ड की हिस्सेदारी 26.16 फीसदी है, कोलकाता में 2,704.62 करोड़ रुपये (20.84 फीसदी), हैदराबाद में 2,418.81 करोड़ रुपये (18.64 फीसदी) दिल्ली में 1,847 करोड़ रुपये (14.23 फीसदी) और चेन्नई में 1,253.20 करोड़ रुपये (9.66 फीसदी) के इलेक्टोरल बॉन्ड बेंचे गए. चुनावी राज्य कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू 266.90 करोड़ रुपये (2.06 फीसदी) की बिक्री के साथ सातवें स्थान पर थी.
8,362.84 करोड़ रुपये दिल्ली में भुनाये गये
अप्रैल 2023 तक भुनाए गये बॉन्ड की कुल राशि में से 64.55 फीसदी या 8,362.84 करोड़ रुपये दिल्ली में भुनाये गये, क्योंकि यहां अधिकतर राष्ट्रीय दलों के खाते हैं. हैदराबाद 12.37 फीसदी (1,602.19 करोड़ रुपये) के साथ दूसरे स्थान, कोलकाता 10.01 फीसदी (1,297.44 करोड़ रुपये) के साथ तीसरे, भुवनेश्वर 5.96 फीसदी (771.50 करोड़ रुपये) और चेन्नई 5.11 फीसदी (662.55 करोड़ रुपये) के साथ चौथे स्थान पर थे हालांकि, मुंबई में सभी बिक्री का 26 फीसदी से अधिक हिस्सा था, लेकिन सभी चुनावी बांडों का केवल 1.51 फीसदी ही भुनाया गया था.
इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम जनवरी 2018 में लॉन्च की गयी थी
जानकारी के अनुसार इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम जनवरी 2018 में लॉन्च की गयी थी. बॉन्ड की बिक्री की पहली किश्त उसी साल मार्च में जारी की गयी थी. यह योजना शुरू में यानि जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर में 10-10 दिनों की अवधि के लिए और लोकसभा चुनाव के साथ एक साल के लिए अतिरिक्त 30-दिन की अवधि के लिए शुरू की गयी थी. जानकारी के अनुसार नवंबर 2022 में वित्त मंत्रालय ने विधानसभा चुनाव के साथ किसी भी वर्ष में 15 दिनों की बिक्री की अनुमति देने के लिए योजना में संशोधन कर दिया था,