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विकास मद का 9313 करोड़ रुपये सिविल डिपोजिट में जमा

Ranchi: विकास योजनाओं के लिए निर्धारित राशि खर्च नहीं कर पाने की स्थिति में सरकार उसे निकाल कर सिविल डिपॉजिट में रखती है. राज्य गठन के बाद यह प्रक्रिया जारी है.  इससे वित्तीय वर्ष 2023-24 के अंत तक सिविल डिपॉजिट में जमा राशि बढ़कर 9313.69 करोड़ रुपये हो गयी है. सरकार द्वारा की जा रही यह कार्रवाई ट्रेजरी कोड के प्रावधानों के खिलाफ है. राज्य सरकार हर वित्तीय वर्ष के अंत में खर्च नहीं हो पाने वाली राशि को निकाल कर सिविल डिपोजिट में रखती है. इसके बाद दूसरे वित्तीय वर्ष में इसमें कुछ राशि निकाल कर खर्च करती है.  [caption id="attachment_1024449" align="aligncenter" width="850"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2025/03/civil-deposite.png">

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alt="" width="850" height="519" /> सिविल डिपोजिट का आंकड़ा[/caption] हर साल सिविल डिपोजिट में जमा की जाने वाली राशि दूसरे वित्तीय वर्ष में खर्च नहीं हो पाने की वजह से सिविल डिपोजिट में जमा राशि लगातार बढ़ती जा रही है. वित्त विभाग के आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2015-16 के अंत में सिविल डिपॉजिट में जमा राशि 3383.70 करोड़ रुपये थी. वित्तीय वर्ष 2023-24 के अंत तक यान 31 मार्च 2024 को यह राशि बढ़कर 9313.69 रुपये हो गयी. विभागीय आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2015-16 के मुकाबले 2023-24 तक करीब ढाई गुनी राशि सिविल डिपोजिट में जमा की गयी.  वित्तीय वर्ष 2015 में सरकार ने विकास मद की खर्च नहीं हो पाने वाली 1618.44 करोड़ रुपये सिविल डिपोजिट में जमा किया था. इसके मुकाबले 2023-24 में सिविल डिपोजिट में 3933.94 करोड़ रुपये सिविल डिपोजिट में जमा किया.

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