Ranchi : झारखंड अलग राज्य आंदोलन की लड़ाई को नई दिशा देने के लिए हाइकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस एलपीएन शाहदेव को हमेशा याद रखा जाएगा. अलग राज्य की लड़ाई के समय जब यह आंदोलन बिखराव की ओर था. तब जस्टिस एलपीएन शाहदेव ने इस आंदोलन को धार दी. उन्होंने 16 अलग-अलग विचारधारा वाले दलों को एक मंच पर लाया और आंदोलन को नई दिशा दी.
जस्टिस शाहदेव की 9वीं पुण्यतिथि के मौके पर उनके पुत्र प्रतुल शाहदेव और परिवार के लोगों ने श्रद्धासुमन अर्पित किया. भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, रांची के सांसद संजय सेठ, विधायक सीपी सिंह मेयर आशा लकड़ा, कांके विधायक समरी लाल समेत जस्टिस एलपीएन शाहदेव के चाहने वालों ने सूचना भवन स्थित जस्टिस एलपीएन शाहदेव चौक पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया.
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न्याय प्रिय व्यक्ति थे जस्टिस एलपीएन शाहदेव- बाबूलाल मरांडी
बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने जस्टिस एलपीएन शाहदेव की पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि शाहदेव न्याय प्रिय व्यक्ति थे. न्यायमूर्ति होने के बावजूद भी अलग झारखंड की लड़ाई के लिए वह आगे बढ़ कर आये. ये उनका झारखंड के प्रति प्यार और स्नेह को दर्शाता है. साथ ही कहा कि आम तौर पर ऊंचे पद पर रहने वाले लोग बात करने में संकोच करते हैं. लेकिन शाहदेव हमेशा अलग राज्य के बारे में बोलते थे. क्योंकि वह न्याय प्रिय व्यक्ति थे, इसलिए वह चाहते थे कि झारखंड के लोगों के साथ ही न्याय हो.
न्यायिक सेवा के साथ झारखंड के बड़े आंदोलनकारी थे शाहदेव
रांची के सांसद संजय सेठ ने कहा कि न्यायिक सेवा के साथ-साथ बड़े आंदोलनकारी के रूप में जस्टिस एलपीएन शाहदेव जाने जाते हैं. शाहदेव झारखंड आंदोलन के प्रणेता रहे और अंतिम क्षणों में जब राज्य गठन होने जा रहा था. तब उन्होंने दबाव बनाया, जिसका परिणाम है कि अलग राज्य का गठन हुआ.
हमेशा याद किये जाएंगे जस्टिस एलपीएन शाहदेव-सीपी सिंह
रांची के विधायक सीपी सिंह ने कहा कि जस्टिस एलपीएन शाहदेव न केवल झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे. बल्कि झारखंड के बड़े आंदोलनकारी भी थे. राज्य गठन में उनका योगदान था. ऐसे लोग हमेशा याद किए जाएंगे. झारखंड अलग राज्य का आंदोलनकारी होना गर्व की बात है.
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