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नीलांबर-पितांबर की 167वीं शहादत दिवस पर भव्य कार्यक्रम, उमड़ा जनसैलाब

  • नीलांबर-पितांबर ने संघर्ष का बिगुल फूंका : शिव प्रसाद साहु 
  • शहादत से मिली हक और पहचान
  • नीलांबर-पितांबर का संघर्ष इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाए
  • नीलांबर-पितांबर की जीवनी पाठ्यक्रम में शामिल करने की मां
Ranchi :   झारखंड के वीर सपूत नीलांबर-पितांबर की 167वीं शहादत दिवस पर खरवार-भोगता समाज विकास संघ ने ऑक्सीजन पार्क में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोग जुटे और वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. कार्यक्रम की शुरुआत फूल-माला अर्पित करने और पत्थलगड़ी पूजा से हुई. इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि नीलांबर-पितांबर की कुर्बानी के कारण आज आदिवासी समाज को अपना अधिकार मिल रहा है.  नीलांबर-पितांबर झारखंड के असली नायक हैं. उन्होंने अंग्रेजों की हुकूमत के खिलाफ पहला उलगुलान किया और 1859 में फांसी के फंदे पर झूल गये.  ओरमांझी से कांग्रेस महासचिव शिव प्रसाद साहु ने कहा कि जब देश गुलाम था और अंग्रेजों का हुकूमत चल रहा था, तब नीलांबर-पितांबर ने संघर्ष का बिगुल फूंका. वे कभी भी झुके नहीं, बल्कि अपने प्राणों की आहुति देकर स्वतंत्रता की नींव रखी. आज हमें उनके बलिदान से प्रेरणा लेने की जरूरत है. अजय गंझु (रामगढ़) ने कहा कि झारखंड वह भूमि है, जहां नीलांबर-पितांबर ने बलिदान दिया. वे भारत के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी थे. हमें गर्व है कि हम उनकी धरती के वंशज हैं. कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि इन वीर सपूतों की गाथा को इतिहास में उचित स्थान मिलना चाहिए. उनके बलिदान को स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाये और उनकी स्मृतियों को संरक्षित किया जाये. कार्यक्रम में  नीलांबर-पितांबर की वीर गाथा को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग उठी, ताकि आने वाली पीढ़ियां उनके बलिदान से प्रेरणा ले सके. इस अवसर पर अमरीत भोक्ता (जिला अध्यक्ष), भोला गंझु (खूंटी अध्यक्ष), शिव प्रसाद साहू, तुलसी खरवार, विगन भोगता समेत हजारों लोग उपस्थित थे. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2025/03/Untitled-26-4.jpg"

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