alt="" width="600" height="400" /> श्रद्धालुओं के लिए सुबह चार बजे मंदिर के पट खोल दिए गए. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रबंधन द्वारा पांच प्रमुख द्वार बनाए गए थे, जहां महिला वॉलंटियरों की तैनाती की गयी थी. भक्त कतारबद्ध होकर मां के दर्शन के लिए प्रतीक्षा करते दिखे. मंदिर परिसर में ढाक की गूंज और डीजे पर बजते भक्ति गीतों ने माहौल को भक्तिमय बना दिया. भक्त हाथों में प्रसाद के थाल लिये श्रद्धा से मां के चरणों में अर्पण करते रहे. पुजारी रामेश्वर पासवान निरंतर श्रद्धालुओं को दर्शन कराते रहे और जय मां काली के जयघोषों से पूरा वातावरण गूंज उठा. 50 हजार भक्तों ने ग्रहण किया मां का प्रसाद मंदिर को फल, अंगूर, लीची और आम से भव्य रूप से सजाया गया था, जिससे पूरा परिसर दिव्य और आनंदमय दिखाई दे रहा था. एक ओर जहां भक्त दर्शन के लिए कतार में खड़े थे, वहीं दूसरी ओर मां को अर्पित भोग का वितरण भी पूरे दिन चलता रहा. करीब 50 हजार भक्तों ने यह भोग ग्रहण किया. टोक्यो से विशेष रूप से पहुंचे विकास रंजन टोक्यो में कार्यरत सॉफ्टवेयर इंजीनियर विकास रंजन ने बताया कि मां काली की कृपा से उन्हें जीवन में सफलता मिली है. वे पिछले 15 वर्षों से इस महोत्सव में शामिल होने हर साल भारत आते हैं. इस बार उन्होंने विशेष रूप से 20 दिन की छुट्टी लेकर मां के दर्शन के लिए यात्रा की है. जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों का रहा सराहनीय योगदान मां काली के दर्शन के लिए रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, कांग्रेस प्रभारी के राजू, दीपु सिन्हा, आलोक दुबे, बिरेन्द्र प्रधान, अजय मारू, वरुण साहु, अजय नाथ सहदेव, पूर्व मंत्री सुबोधकांत सहाय समेत कई जनप्रतिनिधि और स्थानीय लोग उपस्थित रहे. जगरनाथपुर व डोरंडा थाना प्रभारी की ने सुरक्षा व्यवस्था में सराहनीय योगदान दिया.
मणिटोला मंदिर परिसर में मां काली महोत्सव के दूसरे दिन उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

Ranchi : हिनू स्थित मणिटोला में मां काली पूजा महोत्सव के दूसरे दिन सोमवार को मंदिर परिसर भक्ति, उल्लास और आस्था से सराबोर रहा. सुबह तीन बजे पूजा-अर्चना की शुरुआत हुई. पुजारी रामेश्वर पासवान ने विधिवत पूजा कर मां की आरती उतारी.
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alt="" width="600" height="400" /> श्रद्धालुओं के लिए सुबह चार बजे मंदिर के पट खोल दिए गए. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रबंधन द्वारा पांच प्रमुख द्वार बनाए गए थे, जहां महिला वॉलंटियरों की तैनाती की गयी थी. भक्त कतारबद्ध होकर मां के दर्शन के लिए प्रतीक्षा करते दिखे. मंदिर परिसर में ढाक की गूंज और डीजे पर बजते भक्ति गीतों ने माहौल को भक्तिमय बना दिया. भक्त हाथों में प्रसाद के थाल लिये श्रद्धा से मां के चरणों में अर्पण करते रहे. पुजारी रामेश्वर पासवान निरंतर श्रद्धालुओं को दर्शन कराते रहे और जय मां काली के जयघोषों से पूरा वातावरण गूंज उठा. 50 हजार भक्तों ने ग्रहण किया मां का प्रसाद मंदिर को फल, अंगूर, लीची और आम से भव्य रूप से सजाया गया था, जिससे पूरा परिसर दिव्य और आनंदमय दिखाई दे रहा था. एक ओर जहां भक्त दर्शन के लिए कतार में खड़े थे, वहीं दूसरी ओर मां को अर्पित भोग का वितरण भी पूरे दिन चलता रहा. करीब 50 हजार भक्तों ने यह भोग ग्रहण किया. टोक्यो से विशेष रूप से पहुंचे विकास रंजन टोक्यो में कार्यरत सॉफ्टवेयर इंजीनियर विकास रंजन ने बताया कि मां काली की कृपा से उन्हें जीवन में सफलता मिली है. वे पिछले 15 वर्षों से इस महोत्सव में शामिल होने हर साल भारत आते हैं. इस बार उन्होंने विशेष रूप से 20 दिन की छुट्टी लेकर मां के दर्शन के लिए यात्रा की है. जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों का रहा सराहनीय योगदान मां काली के दर्शन के लिए रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, कांग्रेस प्रभारी के राजू, दीपु सिन्हा, आलोक दुबे, बिरेन्द्र प्रधान, अजय मारू, वरुण साहु, अजय नाथ सहदेव, पूर्व मंत्री सुबोधकांत सहाय समेत कई जनप्रतिनिधि और स्थानीय लोग उपस्थित रहे. जगरनाथपुर व डोरंडा थाना प्रभारी की ने सुरक्षा व्यवस्था में सराहनीय योगदान दिया.
alt="" width="600" height="400" /> श्रद्धालुओं के लिए सुबह चार बजे मंदिर के पट खोल दिए गए. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रबंधन द्वारा पांच प्रमुख द्वार बनाए गए थे, जहां महिला वॉलंटियरों की तैनाती की गयी थी. भक्त कतारबद्ध होकर मां के दर्शन के लिए प्रतीक्षा करते दिखे. मंदिर परिसर में ढाक की गूंज और डीजे पर बजते भक्ति गीतों ने माहौल को भक्तिमय बना दिया. भक्त हाथों में प्रसाद के थाल लिये श्रद्धा से मां के चरणों में अर्पण करते रहे. पुजारी रामेश्वर पासवान निरंतर श्रद्धालुओं को दर्शन कराते रहे और जय मां काली के जयघोषों से पूरा वातावरण गूंज उठा. 50 हजार भक्तों ने ग्रहण किया मां का प्रसाद मंदिर को फल, अंगूर, लीची और आम से भव्य रूप से सजाया गया था, जिससे पूरा परिसर दिव्य और आनंदमय दिखाई दे रहा था. एक ओर जहां भक्त दर्शन के लिए कतार में खड़े थे, वहीं दूसरी ओर मां को अर्पित भोग का वितरण भी पूरे दिन चलता रहा. करीब 50 हजार भक्तों ने यह भोग ग्रहण किया. टोक्यो से विशेष रूप से पहुंचे विकास रंजन टोक्यो में कार्यरत सॉफ्टवेयर इंजीनियर विकास रंजन ने बताया कि मां काली की कृपा से उन्हें जीवन में सफलता मिली है. वे पिछले 15 वर्षों से इस महोत्सव में शामिल होने हर साल भारत आते हैं. इस बार उन्होंने विशेष रूप से 20 दिन की छुट्टी लेकर मां के दर्शन के लिए यात्रा की है. जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों का रहा सराहनीय योगदान मां काली के दर्शन के लिए रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, कांग्रेस प्रभारी के राजू, दीपु सिन्हा, आलोक दुबे, बिरेन्द्र प्रधान, अजय मारू, वरुण साहु, अजय नाथ सहदेव, पूर्व मंत्री सुबोधकांत सहाय समेत कई जनप्रतिनिधि और स्थानीय लोग उपस्थित रहे. जगरनाथपुर व डोरंडा थाना प्रभारी की ने सुरक्षा व्यवस्था में सराहनीय योगदान दिया.
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