- 8 नवंबर को 20 हजार लोग करेंगे विरोध
- 2024 में लगी धान पर जला दिए गए थे
Ranchi : झारखंड प्रदेश पाहन महा संघ ने मंगलवार को करमटोली स्थित केद्रीय धुमकुड़िया भवन मे संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया. इस दौरान सतीश पाहन की पत्नि पूनम देवी ने बताया कि 27 अक्टूबर को स्वशासन पड़हा सरकार भारत के महतो पद पर आसीन सुभाष खलखो के अगुवाई में सैकड़ो लोग धान खेत पर अचानक पहुंचे.
इन लोगों को धान काटने से मना किए. लेकिन नहीं सुने और पाहन और पाहन की पत्नि को रस्सी से बांध दिए ,फिर रस्सी से बांधकर लात घुसे से मार पीटा. इससे पाहन की पत्नि पूनम देवी के पेट में पल रहे चार महीने के बच्चे की मौत हो गई. बुढ़मू थाना में इसकी शिकायत की गई, बावजूद प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की.
असंवैधानिक संगठन मिलकर आदिवासी सिस्टम को मिटाने का कर रहे प्रयास
पाहन संघ के अध्यक्ष जगदीश पाहन ने बताया कि पड़हा सरकार नामक संगठन संविधान और परंपरा दोनों की गलत व्याख्या कर रहे है. भोले-भाले आदिवासियों को गुमराह कर रहा है. पाहन महासंघ ने चेतावनी दी कि 8 नवंबर को पड़हा सरकार द्वारा बुलाई गई जन अदालत पर पाबंदी नहीं लगाई गई तो 20 हजार से अधिक आदिवासी एकजुट होकर विरोध करेंगे और जरूरत पड़ने पर तीर धनुष की बौच्छार भी करेंगे.
महतो, कोटवार की जमीन भी लूट लिए स्वशासन पड़हा सरकार के लोग
संवाददाता सम्मेलन में सतीश पाहन ने कहा कि पारंपरिक व्यवस्था चलाने के लिए महतो और कोटवार की अवैध तरीके से लूट लिए है. अब इनकी लूटने के बाद पाहन की जमीन पर लूटने पहुंचे है. पाहन महासंघ ने ऐसे असंवैधानिक और समाज विरोधी संगठन पर प्रशासन द्वारा पाबंदी लगाने की मांग की है.
2024 में धान जला दिए गए थे, नहीं हुई कोई कार्रवाई
पाहन परिवार ने बताया क 2024 में सैकड़ों लोगोंने मिलकर धान खेती पर आग लगी दी थी. इसकी शिकायक बुढ़मू पुलिस थाने में की गई थी मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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