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केरल जा रहे आदिम जनजाति के युवक की विशाखापट्टनम में ट्रेन से कटकर मौत, CM ने परिजनों की मदद की

  Ranchi :   लातेहार जिले की दुरूप पंचायत के दौना गांव निवासी 30 वर्षीय कुशल बृजिया(आदिम जनजाति)  आंध्र प्रदेश के चिराला स्टेशन (विशाखापट्टनम के पास) पर ट्रेन से गिरने से दर्दनाक मौत हो गई.

 

वह अपने दो साथियों के साथ मजदूरी के लिए केरल जा रहा था. परिजनों के अनुसार कुशल केला खरीदने के लिए ट्रेन से उतरा था.

 

ट्रेन अचानक चल पड़ी और वह जल्दबाजी में चढ़ने के प्रयास में फिसलकर ट्रेन के नीचे आ गया.

 

कुशल बृजिया परिवार का एकमात्र कमाने वाला था. वह अपने पीछे पत्नी और तीन छोटे बच्चे छोड़ गया हैं.

 

गांव में गहरा मातम पसरा हुआ है. परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है. यह परिवार शव लाने की व्यवस्था भी नहीं कर पा रहा था.

 

शशि पन्ना की पहल पर मिला 50,000 रूपये का सहयोग

 

इस मामले में युवा नेता शशि पन्ना के ट्वीट पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संज्ञान लिया.लातेहार के श्रम अधीक्षक दिनेश भगत द्वारा कुशल बृजिया के परिजनों को 50,000  रूपये की आर्थिक सहायता दी गई.

 

इससे शव को गांव लाकर अंतिम संस्कार किया जा सकेगा. दुरूप पंचायत के लोगों की ट्रेन से कटकर मरने की यह तीसरी घटना है. इससे पहले नक्कू बुड़स, अजूल बुड़स और नवल बुड़स भी इसी तरह मारे जा चुके हैं.

 

रोजगार की तलाश में गरीब लोग राज्यों में कर रहे पलायन

 

क्षेत्र में रोजगार के अभाव में लोग केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में मजदूरी करने जाते हैं. खेती, रोजगार और पारंपरिक संसाधनों की कमी से लोग लगातार पलायन कर रहे हैं.

 

श्रम विभाग के नियमानुसार, राज्य से बाहर काम कर रहे श्रमिक की मृत्यु होने पर उनके शव को लाने के लिए 50,000 रूपये की सहायता दी जाती है.

 

इसी प्रावधान के तहत कुशल बृजिया के परिजनों को मदद मिली है.

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