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अनूठा यात्री, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान की सैर कर मारीच भारत लौटा, 15 हजार किलोमीटर की दूरी तय की

New Delhi : यूरेशियन ग्रिफान प्रजाति के गिद्ध को लेकर एक अहम खबर आयी है. खबरों के अनुसार इस प्रजाति का मारीच नाम का गिद्ध दुनिया की सैर कर भारत लौटा है. उसने लगभग 15,000 किलोमीटर की यात्रा की.

 

न्यूज एजेंसी की खबर के अनुसार  विदिशा के हालाली डैम से मारीच ने उड़ान भरी थी. वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार उसे अभी राजस्थान के धौलपुर जिले में देखा जा रहा है.   

 

इस संबंध में विदिशा के डीएफओ हेमंत यादव ने जानकारी दी कि मारीच ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान और कज़ाखस्तान जैसे देशों की यात्रा की. बताया कि इस गिद्ध की पूरी यात्रा और लोकेशन का रिकॉर्ड सैटेलाइट रेडियो कॉलर के जरिए लगातार ट्रैक किया जा रहा है.  

 

कहा कि यात्रा की जानकारी गिद्धों के प्रवास पैटर्न और संरक्षण उपायों के लिहाज से अहम है. जानकारी के अनुसार मारीच 29 जनवरी को सतना जिले के नागौर गांव में घायल अवस्था में मिला था. उसे मुकुंदपुर ज़ू ले जाया गया और इलाज किया गया.

 

बाद में उसे भोपाल वन विहार नेशनल पार्क में लाया गया. लगभग दो महीने तक उसकी देखरेख की गयी. स्वस्थ होने पर  29 मार्च को उसे हालाली डैम के पास जंगल में   छोड़ा गया. वन्यजीव विशेषज्ञ गिद्ध को काफी उपयोगी करार देते हैं. वे मृत जानवरों को खाकर बीमारियों को फैलने नहीं देते.  

 

वे प्राकृतिक सफाईकर्मी हैं. यूरेशियन ग्रिफ़ॉन प्रजाति के गिद्ध यूरोप, उत्तरी अफ्रीका और एशिया के पहाड़ी और शुष्क इलाकों में बसते हैं.  इनकी लंबाई 95 से 110 सेंटीमीटर और पंखों का फैलाव 2.5 से 2.8 मीटर तक होता है.

 

वजन की बात करें तो ये 6 से 11 किलो तक के होते है. गर्दन के आसपास पंखों की माला नजर आती है. इनकी खासियत है कि ये  गर्म हवा के सहारे घंटों तक काफी ऊंचाई पर उड़ सकते हैं. 

 

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