Madhepura : मधेपुरा में आधार से जुड़ी बड़ी साइबर ठगी का पर्दाफाश हुआ है. आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने छापेमारी कर तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपियों की पहचान रामप्रवेश कुमार, मिथिलेश कुमार और विकास कुमार के रूप में हुई है. तीनों बिहार के ही रहने वाले हैं.
नकली वेबसाइट बना जानकारी चुराते थे डेटा
ईओयू की साइबर विंग की जांच में खुलासा हुआ कि यह गिरोह नकली वेबसाइट बनाकर लोगों का आधार डेटा और बायोमेट्रिक जानकारी चुराता था. इसके बाद इस डेटा को दूसरे साइबर अपराधियों को बेचता और उसका गलत इस्तेमाल करता था.
यूट्यूब और गूगल से ली फर्जी पोर्टल बनाने की ट्रेनिंग
मुख्य आरोपी रामप्रवेश ने 2021 में मैट्रिक पास करने के बाद साइबर कैफे खोला था. शुरुआत में वह सामान्य काम करता था. लेकिन बाद में फर्जी वेबसाइट बनाकर आधार डेटा चोरी करने और बेचने का धंधा शुरू कर दिया.
उसने यूट्यूब और गूगल से फर्जी पोर्टल बनाने की ट्रेनिंग ली थी. यह गिरोह सिलिकॉन फिंगरप्रिंट बनाकर आधार सॉफ्टवेयर (ECMP) में लॉगिन करता और आसानी से आधार का डाटा बदल देता था.
झांसा देकर डेटा करते थे हासिल
साइबर अपराधियों ने लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का झांसा देकर भी डेटा हासिल किया. फिर उसी डेटा का इस्तेमाल ठगी और अन्य साइबर अपराधों में किया जाता था.
UIDAI को भेजी जाएगी रिपोर्ट
ईओयू ने इस मामले में दर्ज एफआईआर के आधार पर तीनों को गिरफ्तार किया है. जांच टीम का कहना है कि इस गिरोह से जुड़े और लोगों का पता लगाया जा रहा है. साथ ही UIDAI को आधार सुरक्षा में सामने आई कमियों पर विस्तृत रिपोर्ट भेजी जाएगी.
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