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आजीविका महिला ग्राम संगठन छोटानागरा पर भ्रष्टाचार और अनियमितता का आरोप

Kiriburu : सारंडा का अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र छोटानागरा पंचायत के विभिन्न गांवों का विकास, महिला सशक्तीकरण, स्वावलम्बन व महिलाओं को रोजगार से जोड़ने हेतु 13 अलग-अलग महिला समूहों का गठन किया गया था. इन महिला समूहों को मिलाकर छोटानागरा आजीविका महिला ग्राम संगठन का गठन वर्ष 2013 में किया गया था. इस ग्राम संगठन का मुख्य उद्देश्य महिलाओं की छोटी बचत करने से लेकर सरकार की ओर से आने वाले फंड से पंचायत के ग्रामीणों का शौचालय निर्माण, आंगनबाड़ी केन्द्रों को खाद्यान्न आपूर्ति, कोरोना महामारीकाल में जरूरतमंदों को भोजन बनाकर खिलाना, महिला समूहों में शामिल महिलाओं को रोजगार हेतु लोन देकर स्वावलम्बी बनाना और तमाम पैसों का विधिवत रजिस्टर मेंटेन कर आय-व्यय आदि का पूरा हिसाब रखना था. इन महिला समूहों का खाता बैंक से भी लिंक किया जाता है, ताकि समूह बैंक से भी लोन लेकर अपना कारोबार शुरू कर आर्थिक उन्नति की ओर अग्रसर हो सकें. इससे होने वाला लाभ आपस में महिला समूह की सदस्यों के बीच बांटना भी होता है.

2016 में चुनाव जीतने के बाद पदाधिकारियों में समन्वय नहीं रहा

इस संस्था के गठन के बाद लगभग तीन वर्षों तक तो सब कुछ ठीक ठाक रहा, किंतु वर्ष 2016 में पुनः चुनाव जीत कर महिला समूह की नई अध्यक्ष शकुंतला देवी, सचिव मुंगली लोहार और कोषाध्यक्ष प्रेमा बारिक बनीं तो तीनों में आपसी समन्वय नहीं रहा. इस कारण आपसी गुटबाजी बढ़ी और अध्यक्ष शकुंतला देवी, कोषाध्यक्ष प्रेमा बारिक, सीसी (कम्युनिटी को-ऑर्डिनेटर) एल्विस बारला आदि की मिलीभगत से समूह व सरकार के पैसे का भारी गबन व अनियमितता का आरोप महिला समूहों की महिलाओं ने छोटानागरा बहुउद्देशीय भवन में आयोजित बैठक में लगाया.

पंचायत में 80में से मात्र 63 शौचालय का कराया निर्माण

आजीविका महिला ग्राम संगठन की अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, कम्युनिटी को-ऑर्डिनेटर आदि पर महिलाओं ने आरोप लगाया है कि इनलोगों ने छोटानागरा पंचायत में कुल 80 शौचालयों में से मात्र 63 का ही निर्माण कर पूरे पैसे की निकासी कर ली गई. जो शौचालय बना भी वह गुणवतापूर्ण नहीं है. कई शौचालय ध्वस्त भी हो गए हैं. आंगनबाड़ी केंद्र में जो राशन उक्त ग्राम संगठन द्वारा देना था उसमें भी भारी गड़बड़ी की गई. कुल 11 आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रत्येक माह लगभग 4,40,000 रुपए का राशन सामग्री दिया जाना था, जिसमें काफी घटिया किस्म का राशन काफी कम मात्रा में दिया गया. इसमें भी भारी लूट की गई. कोरोना काल में गरीबों को खाना खिलाने के लिए 60,000 रुपए मिले थे, वह भी पूरे पैसो का गबन कर लिया गया. आंगनबाड़ी की राशन सामग्री गरीबों को बांटने के बजाए जला दिया गया. पूरे मामले का हिसाब उक्त पदाधिकारियों से मांगा जा रहा है तो वे नहीं दे रहीं हैं. संगठन के सचिव को बिना जानकारी दिए इन पैसों की निकासी या भ्रष्टाचार किया गया.

69 शौचालयों का निर्माण हुआ 11 अपूर्ण, सभी हिसाब रजिस्टर में है : अध्यक्ष

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alt="" width="300" height="247" /> अध्यक्ष शकुंतला देवी.[/caption] महिला समूहों द्वारा लगाए गए आरोप पर आजीविका महिला ग्राम संगठन की अध्यक्ष शकुंतला देवी ने कहा कि 80 शौचालय में से 69 पूर्ण हुए और 11 शौचालय अपूर्ण हैं. सभी का पैसा निकासी हुआ है. शौचालय निर्माण में लगी सामग्री का पेमेंट भुगतान चेक से और मजदूरों का भुगतान कैश में किया गया. सभी हिसाब रजिस्टर में अंकित है. आंगनबाड़ी केन्द्र के जो लाभुक राशन लेने आए उन्हें दिया गया और जो नहीं आए उनका राशन व बादाम आदि खराब हो गया, जिसे फेंक दिया गया. उसमें कुछ राशन जला दिया गया.

आंगनबाड़ी केंद्र की दीदी की वजह से अनाज बर्बाद हुआ : कोषाध्यक्ष

[caption id="attachment_167916" align="aligncenter" width="300"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/10/KIRIBURU-TRESURAR-1-300x233.jpg"

alt="" width="300" height="233" /> कोषाध्यक्ष प्रेमा बारिक.[/caption] संगठन की कोषाध्यक्ष प्रेमा बारिक ने बताया की कुल 80 शौचालयों का पैसा निकासी हो गया, जिसमें 11 अधूरे हैं. आंगनबाड़ी केन्द्र की दीदीयों की लापरवाही से अनाज बर्बाद हुआ. उन्होंने कहा कि सचिव बैठक में नहीं आती हैं इसलिए उनकी बिना इजाजत के जरूरी कार्य हेतु पैसा निकाला गया, जिसमें कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. आंगनबाड़ी व गरीबों का भोजन मामले से जुड़ा पैसे का हिसाब किया जा रहा है.

अधिकारियों के आदेश पर पैसा ग्राम संगठन के खाते में ट्रांसफर किया : सीसी

[caption id="attachment_167917" align="aligncenter" width="300"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/10/KIRIBURU-CC-1-300x236.jpg"

alt="" width="300" height="236" /> कम्युनिटी को-ऑर्डिनेटर एल्विस बारला.[/caption] कम्युनिटी को-ऑर्डिनेटर एल्विस बारला ने कहा कि वर्ष 2017-18 में 80 शौचालय निर्माण का पैसा एसएचजी के माध्यम से आया था. एसएचजी ग्रुप के पास अपना चेक बुक नहीं होने की वजह से प्रखंड कार्यालय के अधिकारियों के आदेश पर उक्त पैसे को ग्राम संगठन के खाते में ट्रांसफर किया गया था. 80 शौचालय का पैसा निकासी हो चुका है जिसमें 69 शौचालय पूर्ण होने की रिपोर्ट दे चुके हैं. उसमें 11 अभी नहीं बना है. पैसे की निकासी में कोई अनियमितता नहीं हुई है. जहां तक आंगनबाड़ी का राशन व कोरोना काल में गरीबों का भोजन से जुड़ा मामला है तो वह हम नहीं जानते हैं क्योंकि मेरा स्थानान्तरण वर्ष 2019 में अन्यत्र हो गया है. महिला समूह की कुछ दीदीयों का मानदेय से जुड़ा मामला विभाग को रिपोर्ट पहले ही किया गया है. वहीं बताएंगे की मानदेय क्यों रुका है. [wpse_comments_template]

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