Search

RIMS की जमीन पर अतिक्रमण मामले में अफसरों के खिलाफ ACB जांच का आदेश

Ranchi :  झारखंड हाईकोर्ट ने RIMS की ज़मीन पर अतिक्रमण मामले में ACB से जांच कराने का आदेश दिया है. साथ ही इस मामले में दोषी अधिकारियों,  संस्थाओं और बिल्डरों को चिह्नित कर जालसाजी के शिकार हुए लोगों के नुक़सान की भरपाई का आदेश दिया है. न्यायालय ने रिम्स से जुड़े मामले की सुनवाई की अगली तिथि छह जनवरी निर्धारित की है.

 

झारखंड के मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह और न्यायाधीश सुजीत नारायण की पीठ ने ज्योति शर्मा द्वारा दायर जनहित याचिका और स्वत: संज्ञान से शुरू की गयी जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद 20 दिसंबर को अपना फैसला सुनाया.

 

न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि इससे पहले भी हरनारायण लोखोटिया द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने ग़लत नक्शा और निर्माण मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया था. सीबीआई ने जांच के बाद रांची नगर निगम के अधिकारियों व अन्य की भूमिका के सिलसिले में रिपोर्ट दी थी. 


मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह और न्यायाधीश सुजीत नारायण ने 20 दिसंबर को दिये गये फैसले में रिम्स की ज़मीन पर अतिक्रमण और निर्माण मामले में पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने और ACB द्वारा इसकी जांच करने का आदेश दिया है.

 

न्यायालय ने अपने फैसले में रिम्स के लिए अधिगृहित ज़मीन की ख़रीद बिक्री, नक्शा पास करने और बैंक द्वारा आम लोगों को इस ज़मीन पर बने फ्लैट की ख़रीद के लिए कर्ज देने में हुई गड़बड़ी की जांच का आदेश दिया है.

 

न्यायालय ने अपने फैसले में उन आम लोगों के प्रति सहानुभूति जतायी है जिन्होंने कर्ज लेकर मकान खरीदा था. न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि ऐसे लोग मुआवजे के हकदार हैं. उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए.

 

लेकिन मुआवजे का बोझ सरकारी खजाने पर नहीं डालना चाहिए. इसकी वसूली इस पूरे प्रकरण में शामिल हर स्तर के अधिकारियों से वसूली जाए और इस नुक़सान की भरपाई की जाए. 

 

इस बात के मद्देनजर न्यायालय ने इस पूरे प्रकरण में शामिल अफसरों और बिल्डरों को चिह्नित कर उनसे राशि की वसूली कर आम लोगों को हुए नुक़सान की भरपाई करने का आदेश दिया है.

 

Lagatar Media की यह खबर आपको कैसी लगी. नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय साझा करें

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp