Ranchi: झारखंड भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी गोपाल जी तिवारी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले मे नियमित प्राथमिकी दर्ज करने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अनुमति मांगी है. दो शीर्ष सरकारी सूत्रों ने एसीबी की अनुमति के लिए मुख्यमंत्री सचिवालय को फाइल भेजने की पुष्टि की है. एसीबी ने जांच पूरी कर ली है. एक अधिकारी ने बताया कि प्रथम दृष्टया आरोप सही पाये गये और अनुमति मांगी गयी है.
CM हेमंत के थे OSD, भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद देना पड़ा था इस्तीफा
गोपाल जी तिवारी ने कुछ माह के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ओएसडी के रूप में कार्य किया था, लेकिन उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. क्योंकि मुख्यमंत्री को उनके कथित भ्रष्ट आचरण के बारे में पता चला था. एसीबी की जांच में निष्कर्ष निकला है कि गोपाल जी तिवारी के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू करने के लिए पर्याप्त भौतिक सबूत हैं. चूंकि वह एक सरकारी अधिकारी हैं, इसलिए अभियोजन के लिए अनुमति की जरूरत होती है. बता दें कि जुलाई 2020 में एसीबी ने कथित तौर पर आय से अधिक संपत्ति जमा करने के लिए उनके खिलाफ प्रारंभिक जांच दर्ज की थी. जुलाई 2020 में गोपाल जी तिवारी ने दिया था इस्तीफा
हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री का कार्यभार संभालने के बाद गोपाल जी तिवारी को अपना ओएसडी नियुक्त किया था. वह सड़क निर्माण विभाग में संयुक्त सचिव का पद भी संभाल रहे थे. जुलाई 2020 में उन्होंने सीएम से खुद को ओएसडी के पद से मुक्त करने का अनुरोध किया क्योंकि उन्हें पता चुका था कि मुख्यमंत्री को उनकी कथित आय से अधिक संपत्ति के बारे में शिकायतें मिली हैं. 21.55 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति जुटाने का आरोप
19 जून 2020 को झारखंड हाईकोर्ट के वकील राजीव कुमार ने सोरेन से मुलाकात की और गोपाल जी तिवारी द्वारा कथित रूप से जमा की गयी संपत्तियों के बारे में दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किये. वकील ने दावा किया कि गोपाल जी तिवारी ने अपने पद का दुरुपयोग किया और लगभग 21.55 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति जुटाई. कंपनी के नाम मोरहाबादी में खरीदी 136 डिसमिल जमीन
गोपाल जी तिवारी पर जमीन और आवास में भारी निवेश करने का आरोप है. राजीव कुमार ने कहा कि गोपाल जी तिवारी ने एक कंपनी किंग्सले डेवलपर्स के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसमें उनका बेटा भागीदार है. उक्त कंपनी का कार्यालय रांची के अशोक नगर में स्थित बताया जा रहा है. इतना ही नहीं कंपनी के नाम मोरहाबादी में 136 डिसमिल जमीन 9.5 करोड़ रुपए की जमीन खरीदी गयी है. वकील ने आरोप लगाया कि गोपाल जी तिवारी ने मोरहाबादी मोहल्ले के होचर और वन वृंदावन में भी अपने रिश्तेदारों के नाम जमीन-जायदाद जुटाई. [wpse_comments_template]
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