शिकायतों के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने एसीबी से जांच करने की अनुमति दी
इस कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं से संबंधित अनियमितता की मिली शिकायतों के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने एसीबी से जांच कराने की अनुमति दी है. बता दें कि इस अनियमितता को लेकर झारखंड उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका सुनवाई के लिए विचाराधीन है.2016 में बिना टेंडर के खरीदे गये थे टॉफी और टी-शर्ट
बता दें कि जून 2021 में विधायक सरयू राय ने 2016-17 में हुए टॉफी और टी-शर्ट घोटाले की जांच सीबीआई या एसीबी से कराने की मांग मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पत्र लिखकर की थी. उनका आरोप था कि 2016-17 में हुआ टॉफी, टी-शर्ट, गीत-संगीत, साज-सज्जा घोटाला मैनहर्ट घोटाला से भी ज्यादा गंभीर है. इस घोटाले के सभी केन्द्रीय पात्र जमशेदपुर से जुड़े हैं.लल्ला इंटरप्राइजेज ने नहीं खरीदी टॉफी, लेकिन 35 लाख का भुगतान
आरोप है कि समय कम होने का बहाना बनाकर 2016 के राज्य स्थापना दिवस समारोह की सुबह प्रभात फेरी में शामिल होने वाले बच्चों को देने के लिए एक प्रिंटेड टी-शर्ट और टॉफी का एक पैकेट बिना निविदा निकाले मनोनयन के आधार पर खरीदा गया था. टॉफी की खरीद जमशेदपुर के सिदगोड़ा स्थित लल्ला इंटरप्राईजेज से और टी शर्ट कदमा के प्रकाश शर्मा के माध्यम से खरीदी गई थी. प्रारंभिक जांच में पता चला कि 2016-17 में लल्ला इंटरप्राईजेज ने न तो एक भी टॉफी खरीदी और न ही बेचा, लेकिन एक साजिश के तहत सरकार से 35 लाख रुपये का चेक ले लिया और उस पर (वैट) का करीब 4 लाख रुपये का भुगतान कर दिया. वहीं वाणिज्य कर विभाग ने टॉफी की बिक्री छिपाने के लिए लल्ला इंटरप्राईजेज पर 17 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगा दिया है.बिना रोड परमिट के लुधियाना से कैसे आया 5 करोड़ का टीशर्ट
5 करोड़ रुपये के टी शर्ट की खरीदी लुधियाना के कुडु फैब्रिक्स से दिखाई गई है, लेकिन झारखंड सरकार के वाणिज्य कर विभाग ने इसके लिए रोड परमिट नहीं दिया है. टी शर्ट की इतनी बड़ी खेप लुधियाना से रांची, जमशेदपुर, धनबाद सड़क मार्ग से आयी या रेल मार्ग से आयी, इसकी सूचना वाणिज्य कर विभाग को नहीं है, लेकिन भुगतान पूरा हो गया है.सुनिधि चौहान के कार्यक्रम में 11 लाख से ज्यादे का भुगतान
आरोप है कि 15 नवंबर 2016 को पूर्व निर्धारित मनोरंजन कार्यक्रमों के बीच एक घंटा के लिए गायिका सुनिधि चौहान का गीत कार्यक्रम रखा गया. 9 नवंबर 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुख्यमंत्री के वरीय आप्त सचिव ने सुनिधि चाैहान को बुलाने का प्रस्ताव रखा, जिस पर करीब 44 लाख रुपये का खर्च बताया. प्रस्ताव स्वीकृत हो गया, लेकिन इस पर कुल भुगतान 55 लाख रुपये से अधिक दिखाया गया.आरटीआई एक्टिविस्ट पंकज यादव ने दायर की थी याचिका
बता दें कि झारखंड के 17वें स्थापना दिवस के मौके पर तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में एक दिन में लगभग साढे़ 3 करोड़ के टीशर्ट और 35 लाख के टॉफी बांटे गये थे. जिसके बाद आरटीआई एक्टिविस्ट पंकज यादव ने रघुवर सरकार के द्वारा स्थापना दिवस के नाम पर टी-शर्ट और टॉफी बांटे जाने के मामले को संदेहास्पद बताते हुए कहा था कि यह एक सुनियोजित घोटाला है. इसकी जांच की मांग को लेकर उन्होंने जनहित याचिका दायर की थी. इसे भी पढ़ें – राकेश्वर">https://lagatar.in/rakeshwar-pandey-appoints-dilip-bhardwaj-as-social-media-coordinator-of-jharkhand-intuc/">राकेश्वरपांडेय ने दिलीप भारद्वाज को झारखंड इंटक का सोशल मीडिया समन्वयक नियुक्त किया [wpse_comments_template]

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