alt="" width="300" height="179" /> इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-fed-up-with-the-action-of-rpf-railway-employee-attempted-self-immolation-admitted-to-tmh/">जमशेदपुर
: आरपीएफ की कार्रवाई से तंग आकर रेलवे कर्मचारी ने किया आत्मदाह का प्रयास, टीएमएच में भर्ती चालक संघ के सदस्य रथ को कुछ हाथ पीछे ले जा रहे थे लेकिन रथ समिति के सदस्यों ने चालक संघ के सदस्यों को रथ को उस स्थान तक ले जाने से रोक दिया. लेकिन जब ड्राइवर यूनियन के सदस्य रथ को पीछे खींच रहे थे तो रथ में 11 केवी बिजली के तार में फंस गई. समिति द्वारा रथ पूरी तरह से लोहे का बनाये जाने के कारण संघ के तीन सदस्य करंट की चपेट में आ गये. उन्हें स्थानीय लोगों ने उठाया और तुरंत एम्बुलेंस से इलाज के लिए झुमपुरा स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. झुमपुरा अस्पताल में इलाज के दौरान दो लोगों की मौत हो गई, जबकि गंभीर रूप से घायल एक अन्य व्यक्ति को बेहतर इलाज के लिए जिला प्रमुख अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है. मृतकों की पहचान बरिया थाने के भुबनपाशी गांव के युगल बारिक (40) और केंदुआ गांव के बारुंन गिरी (42) के रूप में की गयी है.वहीं, घायल व्यक्ति की पहचान झुमपुरा थाना क्षेत्र के नहबेड़ा गांव निवासी शंकर सन प्रधान (42) के रूप में की गयी है. करंट लगने से चालक महासंघ के दो लोगों की मौत की खबर के बाद केंदुआ गांव में मातम का माहौल छा गया और बाहुड़ा यात्रा में लोगों की चीख-पुकार मच गयी. यह सही है कि जुलूस के दौरान शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए बरिया पुलिस द्वारा व्यवस्था की गयी थी, लेकिन लोगों के बीच चर्चा है कि थाने के किसी भी अधिकारी के नहीं रहने के कारण गृहरक्षकों द्वारा शांति बनाये रखने के कारण ऐसी घटना घटी है. इसी जगह बाहुड़ा यात्रा देखने आई महिला फुलमनी बारिक (65) बिजली से झुलसे लोगों को केंदुआ से एंबुलेंस से ले जा रही थी, तभी एंबुलेंस उनके ऊपर चढ़ गयी, जिससे उनका पैर टूट गया. शुरुआत में उन्हें झुमपुरा अस्पताल ले जाया गया, लेकिन कथित तौर पर उनकी हालत गंभीर होने पर उन्हें क्योंझर जिला मुख्य अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया. [wpse_comments_template]
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