सर्वदलीय बैठक में सभी नेताओं ने मिलकर लड़ने की कही थी बात, हो रहा उलटा, लिस्ट में बीजेपी, कांग्रेस, जेएमएम व आरजेड़ी सभी शामिल
Ranchi : झारखंड राज्य अब पूरी तरह से कोरोना वायरस के चपेट में आ गया है. सरकार कितने भी दावे कर लें, लेकिन संक्रमित मरीजों की तरफ से अस्पतालों में बेड व ठोस चिकित्सीय सुविधा नहीं मिलने की शिकायत लगातार मिल रही है. शनिवार सुबह को रांची के सदर अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी हो गयी. ऐसे में यह कहने में कोई दिक्कत नहीं, सभी राजनीतिक दलों को एक होकर इस आपदा से निकलने का उपाय तलाशना चाहिए. लेकिन हो रहा है इसका उलटा. प्रदेश के कमोवेश सभी राजनीतिक दल इस आपदा में भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे है. नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल चल रहा है.
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बुलायी सर्वदलीय बैठक में तो सभी ने जो कहा था, उससे कर रहे उलटा. हालांकि राजनीति नेता अपने-अपने पार्टी के नीचे संक्रमितों मरीजों के मदद में लगे है. लेकिन सभी के एक साथ आकर लड़ने के बजाय सभी अपनी-अपनी राजनीतिक रोटियां ही सेंक रहे है. इसमें बीजेपी, कांग्रेस, जेएमएम व आरजेडी सभी शामिल हैं.
दीपक प्रकाश ने झारखंड के लोगों को भगवान भरोसे बताया
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इस महामारी में आरोप-प्रत्यारोप का खेल शुरू हुआ प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दीपक प्रकाश के बयान से. 17 अप्रैल को हुए सर्वदलीय बैठक में सरकार के साथ हर सहयोग करने की बात करने वाले दीपक प्रकाश ने महज 72 घंटे में ही अपनी विचार को बदल दिया. उन्होंने 21 अप्रैल को आरोप लगाया कि कोरोना से जंग में झारखंड के लोग भगवान भरोसे हैं. सरकार कुंभकर्णी नींद में सोई हुई है.
आरोप पर शुरू हुआ प्रत्यारोप, जेएमएम ने बीजेपी को घेरा
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फिर क्या था, आरोप पर प्रत्यारोप का खेल शुरू हुआ. 21 अप्रैल को ही जेएमएम प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि महज 72 घंटे में दीपक प्रकाश के विरोध से साफ है कि बीजेपी नेता फ्रस्टेशन में है. महामारी के दूसरी लहर में केंद्र सरकार जो कुछ आज कर रही है, वह तो छह माह पहले करना चाहिए था. लेकिन सवाल यह भी उठता है कि सत्ता में रहते जेएमएम का करीब डेढ़ साल से ज्यादा हो गया है. लेकिन सरकार की तैयारी अच्छी है, ऐसा कुछ नहीं कहा जा सकता.
तीन बार प्रेस बयान जारी कर मेयर ने सिस्टम पर उठाया सवाल
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आरोप लगाकर राजनीति करने में रांची की मेयर आशा लकड़ा भी पीछे नहीं रहीं. उन्होंने तो दो बार प्रेस बयान जारी कर सरकार पर आरोप लगाया. 19 अप्रैल को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को पत्र लिखकर मेयर ने कहा कि रिम्स व सदर अस्पतालों के लचर व्यवस्था के कारण लोगों की जान जा रही है. 21 अप्रैल को मेयर ने कहा कि मरीजों को रिम्स डॉक्टरों द्वारा रेमडिसिवर इंजेक्शन लिखे जाने के बाद भी मरीजों को यह नहीं मिल रहा है. यह रिम्स प्रबंधन की लापरवाही है.
केंद्र की नयी वैक्सीन पॉलिसी पर कांग्रेस ने उठाया सवाल
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आरोप लगाकर राजनीतिक सेंकने वाले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव भी पीछे नहीं है. 21 अप्रैल को बयान जारी कर उन्होंने केंद्र की नयी वैक्सीन पॉलिसी पर सवाल उठाया. कहा कि यह मोदी सरकार की निर्ममता, निष्ठुरता, ह्रदय विहीनता का जीता जागता उदाहरण है. अगर हम इसको ध्यान से पढ़े, तो नई वैक्सीन पॉलिसी प्रतिगामी एवं न्याय विरोधी है. फिर 23 अप्रैल को कहा कि केंद्र की नीति से झारखंड जैसे पिछड़े राज्य पर 48 अरब रुपये का अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा.
सीपी सिंह ने हेमंत को घेरा, तो आरजेडी ने दिया जवाब
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रांची विधायक सीपी सिंह ने हेमंत सरकार पर आरोप लगाया कि कोरोना मरीजों के लिये बेड कागज पर ही बढ़ रहा है. सतह पर कुछ दिखाई नहीं दे रहा है.
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इस पर आरजेडी का यह बयान आया कि बीजेपी नेता आलोचना करने से ज्यादा अच्छा होता कि वे कराह रहे झारखंडी जनता की मदद के लिए केंद्र से क्या मदद मांग सकते है, इसपर कुछ बोलते.