ने शुरू की नेट प्रैक्टिस, 10 अप्रैल को दिल्ली से भिड़ेगी चेन्नई की टीम
आरोप साबित होने के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई
पथ निर्माण में कई ऐसे इंजीनियर हैं जिनपर 10 वर्ष से ज्यादा समय से आरोप है. सड़क निर्माण में ज्यादातर इंजीनियरों ने गड़बड़ी की है. कई के खिलाफ आरोप प्रमाणित भी हो चुके हैं. इसके बाद इन पर विभागीय कार्यवाही शुरू की गई. लेकिन 10 साल से ज्यादा गुजर जाने के बाद भी विभागीय कार्यवाही पूरी हो सकी है. जबकि आरोपी इंजीनियर को अनियमितता और गबन करने के आरोप में दंडित किया जा सका है. मगर विभाग आरोपी इंजीनियर को लेटर भेज रहा है और वे इसका जवाब ही नहीं दे रहे. नतीजतन केवल फाइल मोटी हो रही है, निर्णय नहीं हो रहा.कार्रवाई के बजाए मलाईदार पदों पर सेवा दे रहे हैं दागी इंजीनियर
प्रावधानों के अनुसार किसी भी सरकारी कर्मचारी पर आरोप लगने के 105 दिनों के अंदर उसका निपटारा करना है. दागी इंजीनियरों पर 105 दिनों के भीतर कार्रवाई होनी चाहिए. मगर विभाग लंबे समय से दागी इंजीनियरों को प्रोन्नति देकर उपकृत करने का काम कर रहा है. विभाग के जिम्मेवारों का कहना है कि इंजीनियरों की कमी है. ऐसे में जो इंजीनियर हैं, उनसे ही काम लेना है. काम के साथ-साथ कार्रवाई भी चल रही है. जिस वजह से कार्रवाई में विलंब हो रहा है. इसे भी पढ़ें- सोने">https://lagatar.in/gold-price-reached-at-11-month-low-12400-rupees-cheaper/35984/">सोनेकी कीमत 11 महीने के निचले स्तर पर, 12,400 रुपये हुआ सस्ता
विभाग के अभियंता प्रमुख पर लग चुका है गंभीर आरोप
पथ निर्माण विभाग के इंजीनियरों पर आरोप लगना नई बात नहीं है. विभाग के अभियंता प्रमुख पर सरकारी राशि के दुरूपयोग करने का आरोप लग चुका है. जिस आरोप के बाद सरकार ने विभाग के अभियंता प्रमुख रासबिहारी सिंह को निलंबित कर दिया था. रासबिहारी सिंह पर एक फर्जी कंपनी को 51.62 करोड़ रुपये का टेंडर देने का भी जिम्मेदार पाया गया था. सितंबर 2019 में कंपनी को 7.65 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया था. जिसमें चार करोड़ रुपये मोबलाइजेशन एडवांस भी दिया गया था. इसका खुलासा तब हुआ जब कंपनी को डिबार कर दिया गया. इसे भी देखें-

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