LagatarDesk : दुनियाभर के शेयर बाजारों में पिछले कुछ दिनों से उछल-पुथल मची हुई है. भारतीय शेयर बाजार भी इससे अछूता नहीं है. मंदी की आंशका का असर बाजार में देखने को मिल रहा है. विदेशी निवेशक भी भारतीय शेयर बाजार में लगातार पैसे निकाल रहे हैं. जिसकी वजह से मार्केट में बिकवाली का दौर देखने को मिल रहा है. शेयर बाजार की इस चाल का सबसे ज्यादा असर अडानी ग्रुप के मल्टीबैगर स्टॉक पर पड़ रहा है. (पढ़े, शिवसेना नेता और मंत्री अनिल परब के पुणे और मुंबई में सात ठिकानों पर Enforcement Directorate की रेड )
अडानी विल्मर के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट
अडानी ग्रुप की 7 कंपनियों में सबसे अधिक गिरावट अडानी विल्मर (Adani Wilmar) पर लोअर सर्किट लगा हुआ है. वहीं अडानी पावर (Adani Power), अडानी ट्रांसमिशन और ‘अडानी ग्रीन’ भी लाल निशान पर नजर आ रहे हैं. इसके अलावा अडानी पोर्ट्स, अडानी इंटरप्राइसेस और अडानी गैस भी टूटकर ट्रेड कर रहे हैं.
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अडानी ट्रांसमिशन के शेयर 4.38 फीसदी लुढ़के
बता दें कि गुरुवार को अडानी विल्मर के शेयर 4.99 फीसदी की गिरावट के साथ 631.35 रुपये पर ट्रेड कर रहा है. वहीं अडानी पावर के शेयर 0.80 फीसदी लुढ़ककर 296.95 के लेवल पर नजर आ रहा है. इसके अलावा अडानी ट्रांसमिशन में 4.38 फीसदी, ‘अडानी ग्रीन’ में 4.45 फीसदी, अडानी पोर्ट्स में 3.88 फीसदी, अडानी इंटरप्राइसेस में 3.73 फीसदी और अडानी गैस में 0.13 फीसदी की गिरावट नजर आ रही है.
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अडानी विल्मर के शेयरों लगातार तीन दिनों से गिरावट जारी
बता दें कि अडानी विल्मर के शेयर इसकी साल फरवरी में शेयर बाजार में लिस्ट हुए थे. यह निवेशकों के लिए मल्टीबैगर स्टॉक साबित हो रहा था. हालांकि पिछले कुछ दिनों से इसके शेयरों में ग्रहण लग गया है. ऑल टाइम हाई (All Time High) छूने के बाद से इस स्टॉक में लगातार बिकवाली देखी जा रही है. हालांकि पिछले सात सेंशन में हल्की रौनक तेजी देखी जा रही थी. लेकिन बीते तीन दिनों से फिर इसपर लोअर सर्किट लग रहा है.
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अडानी पावर पर भी लग गया लोअर सर्किट
ग्लोबल इंडेक्स प्रोवाइडर मॉर्गन स्टैनली कैपिटल इंटरनेशनल ने अडानी समूह के इस स्टॉक को अपने ग्लोबल इंडेक्स में शामिल किया है. उसके बाद लगातार सात सेशन में इसका भाव 35 फीसदी चढ़ा. यानी सोमवार के कारोबार में लगातार सातवां ऐसा सेशन रहा, जब अडानी पावर के स्टॉक पर अपर सर्किट लगा. उस दिन यह 4.98 फीसदी की बढ़त के साथ 327.5 रुपये के रिकॉर्ड हाई पर बंद हुआ था. इसके बाद यह भी लोअर सर्किट की चपेट में आ गया. हालांकि बाद में इसमें थोड़ी सुधार आयी.
क्या होता है मल्टीबैगर स्टॉक
बता दें कि मल्टीबैगर स्टॉक एक कंपनी के इक्विटी शेयर होते हैं, जो अधिग्रहण की अपनी लागत से कई गुना अधिक रिटर्न देते हैं. ‘मल्टीबैगर‘ शब्द का सबसे पहले इस्तेमाल पीटर लिंच ने अपनी पुस्तक ‘वन अप ऑन वॉल स्ट्रीट’ में की थी. जिसमें उन शेयरों का जिक्र था जो मूल निवेश पर कई गुना ज्यादा रिटर्न देते हैं.
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