Ranchi: झारखंड विधानसभा में विधायक स्टीफन मरांडी ने गोड्डा जिले में अडानी पावर लिमिटेड द्वारा स्थापित पावर प्लांट के भूमि अधिग्रहण में संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम (एसपीटी) के उल्लंघन का मुद्दा उठाया. उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या इसमें सुधार किया जाएगा?
इस मुद्दे पर पूरक सवाल उठाते हुए विधायक प्रदीप यादव ने भूमि अधिग्रहण, ऊर्जा नीति के उल्लंघन, कोयला आपूर्ति और स्थानीय हितों की अनदेखी से जुड़े गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कई अनियमितताओं को उजागर किया. विभागीय मंत्री का इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिलने के कारण विधानसभा अध्यक्ष से सवाल को सहमति के आधार पर स्थगित करने का बात कही.
अनियमितता का मामला जिसे सदन में लाया गया
-भूमि अधिग्रहण कानून 2013 का उल्लंघन और रैयतों को उचित मुआवजा न मिलना.
-झारखंड ऊर्जा नीति-2012 के तहत राज्य को 25% बिजली देने की अनिवार्यता थी, लेकिन पूरी बिजली बांग्लादेश को देने का समझौता किया गया.
-सार्वजनिक उद्देश्य के लिए आरक्षित भूमि को निजी कंपनी को हस्तांतरित करना.
-रैयतों से हुए समझौते के बावजूद स्थानीय लोगों को रोजगार, अस्पताल और स्कूल की सुविधाएँ नहीं मिलना.
-भूमि के बदले पुनर्वास की कोई व्यवस्था नहीं की गई.
-प्रभावित लोगों को मुआवजा दिए बिना सड़क और नहर की भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया.
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