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जमशेदपुर का अधिराज गौतम बुद्ध से आशीर्वाद लेकर शांति व बाल विवाह रोकने का संदेश देने निकला भारत भ्रमण पर

Jamshedpur : गौतम बुद्ध से आशीर्वाद लेकर दुनिया को शांति व जबरन बाल विवाह रोकने का संदेश देने शहर के 27 वर्षीय युवा अधिराज बरुआ शुक्रवार को साइकिल से भारत भ्रमण पर निकल पड़े. साकची बोधि सोसायटी के स्वामी ने उसे झंडी दिखाकर रवाना किया. कदमा उलियान के सिंडिकेट कॉलोनी निवासी आलोक रंजन बरुआ के पुत्र अधिराज का सपना लद्दाख में नवनिर्मित सड़क उमलिंगला तक पहुंचना है, जो समुद्र तल से लगभग 19300 फीट की ऊंचाई पर है. ऐसा कर वे अपने नाम रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं. अधिराज के पिता आलोक भी 25 वर्ष की उम्र में सन् 1987 में साइकिल से ही पूरे देश का भ्रमण कर चुके हैं. मौके पर अधिराज ने बताया कि उन्हें पूरा विश्वास है कि यह रिकॉर्ड उनके नाम होगा. वे बहरागोड़ा होते हुए बालासोर, कटक, भुवनेश्वर, पुरी का भ्रमण करते हुए छत्तीसगढ़, रायपुर, विशाखापट्टनम, हैदराबाद, चेन्नई, मदुरै, कन्याकुमारी, कचिन, मंगलौर, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, जम्मू एंड कश्मीर होते हुए लद्दाख पहुंचेंगे. 15 अगस्त, 2022 को संसार की सबसे ऊंची सड़क उमलिंगला पास जाएंगे और राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे.

डेढ़ वर्ष में 22 हजार किमी की यात्रा करेगा अधिराज

इस भारत भ्रमण में अधिराज डेढ़ वर्ष में लगभग 22 हजार किलोमीटर की यात्रा साइकिल से तय करेगा. इस तरह लद्दाख से निकलकर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय होते हुए न्यू जलपाईगुड़ी, मुर्शिदाबाद, कोलकाता, खड़गपुर होते हुए  फरवरी 2023 में जमशेदपुर लौटेगा. आज अधिराज को भारत भ्रमण के लिए रवाना करने वालों में उनके पिता आलोक बरुआ, देवजीत सरकार, पूरोबी घोष, अपर्णा गुहा सहित पारिवारिक सदस्य मौजूद थे.

पिता को अपने बेटे पर है गर्व, नेक संदेश लेकर भारत भ्रमण से लौहनगरी का नाम होगा ऊंचा

अधिराज को अपने उद्देश्य में सफल होने और शुभकामना देते हुए उनके पिता आलोक बरुआ ने बताया कि कदमा केरला पब्लिक स्कूल से 12वीं उत्तीर्ण होने के बाद अधिराज ने दिल्ली से इंटीरियर डिजाइन का कोर्स किया और एक निजी कंपनी में बतौर डिजाइनर कार्यरत है. उन्हें गर्व है कि उनका पुत्र एक महान संदेश लोगों को देने के लिए यात्रा पर निकला है. इस दौरान वह स्कूल, कॉलेज आदि स्थानों में जाकर अपनी बातों को रखेंगा. उम्मीद है कि वह लौहनगरी का नाम जरुर ऊंचा करेगा. [wpse_comments_template]

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