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आदित्यपुर : ऐसा स्कूल जहां नो स्कूल बैग, नो होमवर्क, नो टिफिन बॉक्स

Adityapur (Sanjeev Mehta) : गम्हरिया के कोलाबीरा जैसे गांव में एक सिंगापुर बेस्ड इंटरनेशनल स्कूल चल रहा है. इसका नाम बीरा इंटरनेशनल स्कूल है, जो 2019 से संचालित है. इस इंटरनेशनल स्कूल का मूलमंत्र है ``नो स्कूल बैग, नो होम वर्क, नो टिफिन बॉक्स``. इस स्कूल की नींव पड़ते ही कोरोना का आगमन हो गया था, जिस वजह से यह उस मुकाम तक नहीं पहुंच पाया जहां इसे आज होना चाहिए था. यहां अभी नर्सरी से आठवीं तक के विद्यार्थी शिक्षा पा रहे हैं. इसे भी पढ़ें : विगत">https://lagatar.in/91-workers-of-jharkhand-died-abroad-in-the-last-3-years/">विगत

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सिंगापुर से मंगाई जाती हैं कोर्स की किताबें

[caption id="attachment_710338" align="aligncenter" width="600"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/07/Adityapur-Bira-School-Director.jpg"

alt="" width="600" height="400" /> सिंगापुर से मंगाई गई किताबें दिखाते स्कूल के निदेशक आरडी महतो.[/caption] इस स्कूल में कोर्स की किताबें सिंगापुर से मंगाई जाती हैं, जो फाइव मैथड्स, ऐम, एक्शन, एनालिसिस, एप्पलीकेशन और असेसमेंट पर आधारित है. इस सिंगापुर बेस्ड इंटरनेशनल शिक्षा की नींव रखने वाले निदेशक आरडी महतो बताते हैं कि वे बिहार सरकार में बतौर सिविल इंजीनियर थे. वहां से सेवानिवृत्त होने के बाद एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्कूल खोलने की प्रेरणा मिली. चूंकि उनका पुत्र सिंगापुर से पढ़ाई करने के बाद वहीं नौकरी भी कर रहे हैं. इसे भी पढ़ें : पोलैंड">https://lagatar.in/the-story-of-barbara-and-shadab-from-poland-two-hearts-are-meeting-but-secretly/">पोलैंड

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सिंगापुर की शिक्षण पद्धति से हुए प्रभावित

[caption id="attachment_710339" align="aligncenter" width="600"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/07/Adityapur-Bira-School-Class-Room.jpg"

alt="" width="600" height="400" /> स्कूल का कमरा.[/caption] जब आरडी महतो सिंगापुर जाते थे तो वहां की शिक्षण पद्धति उन्हें अपनी ओर आकर्षित करती थी. अब वे इसे अपने देश में लागू करने की जद्दोजहद कर रहे हैं. फिलहाल स्कूल में 50 बच्चों और 6 उम्दा शिक्षकों के साथ सिंगापुर बेस्ड शिक्षण पद्धति की शुरुआत कर चुके हैं. यहां 31 जुलाई तक नामांकन की अंतिम तिथि है. यहां पढ़ाई के साथ छात्रों को एडिशनल एक्टिविटी भी कराई जाती है. मसलन डिजिटल क्लासरूम के साथ रोबोटिक्स, स्केटिंग, योग, मार्शल आर्ट, म्यूजिक, डांस आदि. इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-a-person-from-dhatkidih-died-of-a-heart-attack-in-golmuri/">जमशेदपुर

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स्कूल परिसर में 76 प्रकार के हैं मेडिशनल प्लांट

[caption id="attachment_710340" align="aligncenter" width="600"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/07/Adityapur-Bira-School-1.jpg"

alt="" width="600" height="400" /> स्कूल में दोपहर का खाना खाते छात्र-छात्राएं.[/caption] करीब 10 एकड़ में फैले स्कूल में छात्रों को मेडिशनल प्लांट लगाने और उसकी देखभाल करने की भी शिक्षा दी जा रही है. स्कूल की बागवानी में वर्तमान में 76 प्रकार के मेडिशनल पौधे लगाए गए हैं. यहां के बच्चे न तो स्कूल बैग लाते हैं, न उन्हें होमवर्क दिया जाता है न ही टिफिन बॉक्स लाने की इजाजत है. स्कूल में 6 दिन बच्चों को विभिन्न प्रकार के व्यंजन के साथ फ्रूट्स और ड्राई फ्रूट्स खाने के लिए स्कूल प्रबंधन हाइजीन तरीके से दिया जाता है. [wpse_comments_template]

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