Adityapur (Sanjeev Mehta) : सरकार के अपर सचिव राजीव कुमार ने प्रमंडलीय आयुक्त को जल स्रोत तालाब को भरकर और सीएनटी एक्ट का उल्लंघन कर कॉलेज भवन के साथ आवासीय फ्लैट निर्माण मामले में जांच का आदेश दिया है. इस संबंध में अपर सचिव ने आदेश संख्या 2388 (9) दिनांक 20.7.2023 के तहत यह आदेश जारी किया है. बता दें कि इस संबंध में आरटीआई कार्यकर्ता प्रो. सुरेंद्र कुमार महतो ने गम्हरिया के सीओ पर अतिक्रमण हटाने में विफल रहने और उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए पांच जून को राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखा था. आरटीआई कार्यकर्ता प्रो. एसके महतो ने पत्र में अतिक्रमण हटाने के नाम पर खानापूर्ति का आरोप लगाते हुए मुख्य सचिव को पत्र लिखा था.
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क्या है मामला
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संध्या शंभू एजुकेशन ट्रस्ट के लिए तालाब की जमीन को भरने की अनुमति देने वाले तत्कालीन उपायुक्त सरायकेला खरसावां मोहनलाल राय एवम सीएनटी एक्ट की प्रतिबंधित भूमि बेचने का ऑर्डर देने वाले उपायुक्त चंद्रशेखर को इस मामले में मिलीभगत कर जलस्रोत और सीएनटी की जमीन पर कॉलेज भवन और आवासीय फ्लैट निर्माण का आदेश देने का आरोप आरटीआई कार्यकर्ता प्रो. महतो ने लगाया था. उनका कहना है कि इन अधिकारियों के आदेश से ही तालाब की भूमि को भरकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर श्रीनाथ विश्वविद्यालय को स्थापित किया गया है. वहीं एक अन्य मामले में आरटीआई कार्यकर्ता सेवानिवृत्त प्रो. एसके महतो ने अतिक्रमण हटाने के नाम पर खानापूर्ति का आरोप लगाते हुए सीओ समेत डीसी, और मुख्य सचिव को पत्र लिखा था.
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इतना ही नहीं इसी सौरभ अग्रवाल द्वारा शेरे पंजाब चौक आदित्यपुर स्थित स्थानीय “महतो” जाति के कई तालाबों (जो सीएनटी एक्ट के अंतर्गत की प्रतिबंधित जमीन है) को भरवाकर उनपर कई बहुमंजिली ईमारतों का निर्माण कराया है और “सिटी रेसीडेंसी” नामक एक बड़ा परिसर का निर्माण कराया है और अभी भी लगभग 2 एकड़ तालाब की जमीन (जिसपर माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश से निर्माण प्रतिबंधित है) को भरवा कर उसपर जी+15 फ्लोर का एक बडे़ मॉल के निर्माण कराने का कार्य प्रक्रिया में है. जबकि इस परिसर में निर्मित सभी बहुमंजिली इमारत का भवन प्लान तत्कालीन आयडा प्रबंध निदेशक वंदना दाडेल द्वारा पूर्व में ही रद्द किया जा चुका है, इसके साथ ही दिंदली आदित्यपुर में 7.5 एकड़ के तालाब को भरकर सीएनटी एक्ट की प्रतिबंधित जमीन पर मेसर्स संध्या शंभू एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा निर्मित एवम स्थापित श्रीनाथ विश्वविद्यालय के विरुद्ध भी विधि सम्मत कार्रवाई करते हुए कृपया शीघ्र ध्वस्त करने की कार्रवाई की जाय.
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