Adityapur (Sanjeev Mehta) : आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र के फेज 2 स्थित इंडिका कंपोजिट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पर बैंक ऑफ
बड़ौदा का करीब ढाई करोड़ के ऋण बाकी
है. कंपनी द्वारा बैंक का ऋण नहीं चुका पाने पर बैंक गुरुवार को कंपनी पर कब्जा लेने के लिए जिला प्रशासन के साथ
पहुंची. बैंक द्वारा कंपनी का कब्जा लेने का मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव रंजन सिंह ने विरोध किया
है. उन्होंने कहा कि बैंक द्वारा उनके कंपनी के विरुद्ध की जाने वाली कार्रवाई न्यायसंगत नहीं
है. कंपनी के विरुद्ध
डीआरटी में गुपचुप तरीके से बगैर उन्हें सूचित किये सुनवाई कर डीसी के यहां से आदेश पारित करवा ली गई है और गुरुवार को अचानक जिला प्रशासन के सहयोग से कंपनी पर कब्जा लेने बैंक पहुंच
गई. कंपनी के एमडी और बैंक के चीफ मैनेजर
तानिष कुमार के बीच दंडाधिकारी की उपस्थिति में बहस हुई
है. इसे भी पढ़ें : मुसाबनी">https://lagatar.in/musabani-shepherd-english-medium-school-teacher-honored/">मुसाबनी
: शेफर्ड इंग्लिश मीडियम स्कूल की शिक्षिका को किया गया सम्मानित कंपनी पर मालिकाना हक को लेकर न्यायालय में मामला विचाराधीन है
[caption id="attachment_732607" align="aligncenter" width="600"]

https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/08/Adityapur-Bank-Adhikari.jpg"
alt="" width="600" height="400" /> बैंक अधिकारी.[/caption] बता दें कि यह कंपनी लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय नेता नंद कुमार सिंह के छोटे भाई का
है. इस कंपनी पर मालिकाना हक को लेकर दोनों भाइयों के बीच पूर्व से न्यायालय में मामला विचाराधीन
है. कंपनी की नीलामी कर पोजीशन दिये जाने की खबर पाकर नंद कुमार सिंह भी कंपनी परिसर में पहुंचे और बैंक की गुपचुप कार्रवाई को गलत
बताया. उन्होंने कहा कि वे लोग ऋण चुकाने को तैयार हैं लेकिन बैंक के अधिकारी कमीशनखोरी के चक्कर में कंपनी को गलत तरीके से नीलाम करने की कार्रवाई की है जिसका पुरजोर विरोध होगा. [wpse_comments_template]
Leave a Comment