Adityapur (Sanjeev Mehta) : विस्थापित मनोहर महतो 20 फरवरी से क्रमिक अनशन पर बैठे हैं. पिछले दिनों विधायक सविता महतो ने उन्हें समझाने और अनशन खत्म करने की गुजारिश करने आई थीं, लेकिन विस्थापित मनोहर ने उनकी भी बात नहीं मानी. मनोहर ने विधायक से कहा कि ये उनकी आर पार की लड़ाई है. बता दें कि अनशनकारी मनोहर महतो की नौ सूत्री मांग है. उन्होंने कहा कि वे आश्वासन नहीं समाधान चाहते हैं. इसलिए समाधान होने तक अनशन जारी रहेगा. बता दें कि विस्थापित मनोहर महतो अपने परिजनों के साथ आदित्यपुर स्थित स्वर्णरेखा भवन के समक्ष दो महीने से अनशन पर बैठे हैं. चांडिल डैम के विस्थापित मनोहर महतो का यह पांचवा अनशन है. इससे पूर्व कई बार आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने अनशन तोड़ा था, मगर इस बार उन्होंने आर-पार की लड़ाई की घोषणा कर रखी है. दरअसल मनोहर महतो चांडिल डैम से विस्थापित हुए 116 गांव में से एक गोविंदपुर बामुंडीह के रहने वाले हैं. विकास पुस्तिका में बामुंडीह का जिक्र नहीं किया गया है. साथ ही 1992 में मनोहर महतो को नौकरी देने की घोषणा की गई थी. इसके बावजूद अब तक उन्हें नौकरी नहीं मिली. अब उनकी सेवानिवृत्ति की उम्र हो गई है. ऐसे कुल 9 मांगे हैं, जिसको लेकर मनोहर महतो क्रमिक अनशन पर हैं.
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इस संबंध में चांडिल कॉम्प्लेक्स के मुख्य अभियंता अशोक दास ने बताया कि मनोहर महतो की मांगों को लेकर जांच टीम गठित कर दी गई है. जल्द ही उनका समाधान कर दिया जाएगा. वहीं विधायक सविता महतो ने बताया कि जब से उनकी सरकार बनी है तब से लगातार विस्थापितों को लेकर सरकार चिंतित है. अब तक 1000 से अधिक विस्थापितों का विकास पुस्तिका बन चुका है. सरकार ने 61 करोड़ का बकाया भी विस्थापितों को दिया है. सरकार तक विस्थापित मनोहर महतो की मांगों को लगातार पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि विधानसभा में मामला उठा है. मनोहर महतो की नौ मांगों में से दो मांग ऐसी है जिसे सरकार के स्तर पर ही सुलझाया जा सकता है. बाकी सात मांग विभागीय स्तर पर सुलझाए जा सकते हैं. इसको लेकर विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिया गया है. उन्होंने कहा कि चांडिल डैम विस्थापन का मामला नया नहीं है. उन्होंने हरसंभव प्रयास किया है कि विस्थापितों को उनका हक और अधिकार मिले. फिलहाल विधायक की वार्ता के बाद भी मनोहर महतो का अनशन जारी है.
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