Adityapur (Sanjeev Mehta) : आदित्यपुर नगर निगम तत्काल पेयजल संकट से उबरने के लिए डीप बोरिंग कर टंकी निर्माण कर वार्डों में पेयजल उपलब्ध कराने की योजना बनाई है. यह कितना कारगर होगा, नगर निगम ने एचवाईडीटी योजना क्यों बनाई है, इस पर सवाल उठ रहे हैं. चूंकि आदित्यपुर के कई वार्डों में जलस्तर 600 फीट के नीचे चला गया है. ऐसे में डीप बोरिंग करना कितना कारगर होगा, यह सवाल उठ रहा है. बता दें कि निगम ने हर वार्ड में डीप बोरिंग करवा कर वहां सीमेंटेड टंकी बनाकर लोगों को दो टाइम पेयजल उपलब्ध कराने की योजना तैयार की है. इस सवाल का जवाब देते हुए नगर निगम सिटी मिशन मैनेजर देवाशीष प्रधान कहते हैं कि इस योजना का टेंडर 18 जून को किया जा रहा है. स्थल चयन के लिए इंजीनियरों की एक टीम बनाई गई है, जो सर्वे में कर रही है. इस योजना के तहत 600 फीट तक डीप बोरिंग करनी है और 10 हजार लीटर क्षमता का दो टंकी स्थापित करना है. इसके चारों ओर 10 नलका लगा रहेगा जो सुबह शाम 2 टाइम खुलेगा.
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डीप बोरिंग में 2 एचपी का लगेगा मोटर
इस डीप बोरिंग में 2 एचपी का मोटर लगेगा और इसके लिए सोलर पावर सिस्टम भी लगाया जाएगा. इससे डीप बोरिंग संचालित होगी. यह योजना हर वार्ड में एक जगह पर धरातल पर उतरेगा. उन्होंने बताया कि इससे पहले भी निगम क्षेत्र में तकरीबन 80 एचवाईडीटी योजना संचालित है, जिसका लाभ लोगों को मिल रहा है. बता दें कि आदित्यपुर नगर निगम के लोगों के लिए वृहद जलापूर्ति योजना निर्माणाधीन है, जिसकी अड़चनें दूर कर उसे एक वर्ष में धरातल पर उतारने का प्रयास भी जारी है.
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वृहद जलापूर्ति योजना की क्या है प्रगति
आदित्यपुर के लोगों को घोर जल संकट से उबारने के लिए 395 करोड़ रुपये की योजना बनी है. यह चार साल से संचालित है, किंतु जलापूर्ति योजना का काम अब भी अधूरा है. इस वजह से निगम का 75 फीसदी क्षेत्र पाइपलाइन जलापूर्ति के लाभ से वंचित है. वन विभाग के पेंच और विरोध की वजह से योजना का काम पांच साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है. सीतारामपुर जलशोध केंद्र और 60 किमी पाइपलाइन बिछाने का काम वन विभाग के पेच में फंसा है. इसके अलावा 60 एमएलडी क्षमता वाला सपड़ा में बनने वाला वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य भी अब तक शुरू नहीं हुआ है. आदित्यपुर जलापूर्ति योजना के तहत अब तक 480 किमी जलापूर्ति पाइपलाइन में अब तक 409 किमी पाइप बिछाई जा चुकी है.
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11 ओवरहेड वाटर टंकी में तीन का काम पूरा
11 ओवरहेड वाटर टंकी में 10 का काम चल रहा है, जिसमें तीन पूरा हो गया है. सपड़ा में बनने वाला वाटर ट्रीटमेंट प्लांट व टंकी तथा पाइपलाइन बिछाने के लिए वन विभाग द्वारा सशर्त अनुमति प्रदान की गयी है. इसमें करीब 1700 पेड़ काटे जाने हैं, जबकि 400 पेड़ को शिफ्ट किया जाना है. इसके लिए एजेंसी खोजी जा रही है. उसके माध्यम से पेड़ काटकर लकड़ी को डीएफओ कार्यालय में जमा कराना होगा. आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र के 55 हजार मकानों में पाइपलाइन से जलापूर्ति के लिए 395 करोड़ रुपये की लागत से योजना पर काम चल रहा है. इसमें सपड़ा में 60 तथा सीतारामपुर डैम में 30 एमएलडी क्षमता का जलशोध केंद्र बनाया जाना है.