: सिदो-कान्हू, चांद-भैरव, फुलो-झानो के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता- मंगल कालिंदी
भारतीय ज्ञान परंपरा से रूबरू होगी नई पीढ़ी
इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रो गौतम सूत्रधर ने अपने संबोधन में भारत के प्राचीनकालीन वैभव एवं परंपराओं पर प्रकाश डालते हुए समस्त वैज्ञानिकों एवं विद्यार्थियों को इस पर शोध के साथ-साथ आत्मसाथ करने का आह्वान किया. प्रो सूत्रधर ने इस केंद्र की स्थापना का उद्देश्य को रेखांकित करते हुए बताया कि भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र का कार्यक्षेत्र मुख्यतः परंपरागत विज्ञान एवं प्रौद्यिगिकी का विकास, वैदिक गणित वर्ष खगोलीय विज्ञान आधारित नये तकनीक का विकास एवं शास्त्रीय संगीत एवं प्राचीन भारतीय कला का डिजिटलीकरण एवं संवर्धन है. इस केंद्र के अंतर्गत आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विज्ञान से संबंधित पुरातन परम्पराओं पर आधारित नए तकनीक के प्रयोग को सर्वसुलभ बनाना है. उन्होंने कहा कि इस केंद्र के विकसित होने से नई पीढियां आधुनिक विज्ञान के साथ-साथ भारतीय ज्ञान परंपरा में पदार्थ, मन और चेतना की उत्पत्ति और विकास, प्राचीन एवं आधुनिक प्रौद्योगिक उसके दार्शनिक आधार से रूबरू होंगे. कार्यक्रम का संचालन केंद्र के समन्यवक डॉ मनीष कुमार झा ने किया. इस अवसर पर संस्थान के उप निदेशक प्रो राम विनय शर्मा, कुलसचिव कर्नल (डॉ) निशीथ कुमार राय, समस्त विभागाध्यक्ष, अधिष्ठातागण, समस्त अध्यापक एवं संस्थान के सैकड़ों छात्र-छात्राएं इस अवसर पर उपस्थित थे. इसे भी पढ़ें : घाटशिला">https://lagatar.in/ghatshila-district-level-meeting-of-ajsu-party-held-in-ghatshila/">घाटशिला: आजसू पार्टी का जिला स्तरीय बैठक घाटशिला में संपन्न [wpse_comments_template]
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