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Adityapur (Sanjeev Mehta) : आदित्यपुर नगर निगम के वार्ड 15 में स्थित अटल क्लिनिक सामुदायिक हॉल में शुक्रवार को इंडियन प्राइवेट टीचर एसोसिएशन (इप्टा) ने अपना 24वां स्थापना दिवस मनाया. इस अवसर पर शिक्षाविद सेवानिवृत कोल्हान विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. बाल मुकुंद पैनाली और राष्ट्रपति से पुरस्कृत शिक्षिका संध्या प्रधान ने इप्टा के वार्षिकांक का लोकार्पण किया. अपने संबोधन में डॉ. पैनाली ने कहा कि सही मायने में घर-घर तक शिक्षा का अलख जगाने का कार्य प्राइवेट टीचर ही कर रहे हैं जो सरकार की उदासीन रवैये के वजह से हर तरह के लाभ से वंचित हैं.
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सरकार की पॉलिसी देश के बेरोजगार नौजवानों के लिए घातक
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सरकार को इनपर ध्यान देने की जरूरत है तभी भारतीय शिक्षा व्यवस्था में आमूल चूल परिवर्तन संभव है. राष्ट्रपति से पुरस्कृत शिक्षिका संध्या प्रधान ने अपनी बात रखते हुए कहा कि शिक्षा ही नहीं आज समाज के लगभग कार्य प्राइवेट और निजी सेक्टर के लोग कर रहे हैं जिसके बदौलत यहां की अर्थ व्यवस्था टिकी हुई है. सरकार ने ऐसी पालिसी बना ली है कि अपने दायित्व को कम कर निजी क्षेत्र को बढ़ावा देना है. लेकिन सरकार का ऐसा करना भारत जैसे देश के बेरोजगार नौजवानों के लिए घातक है.
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संगठन का मुख्य उद्देश्य प्राइवेट शिक्षकों को उनका हक दिलाना
उन्होंने अपनी 35 साल की शैक्षणिक सेवा का अनुभव मौजूद प्राइवेट शिक्षकों से शेयर किया. वहीं इप्टा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. परमानंद मोदी ने कहा कि उनके संगठन में देशभर के करीब 50 लाख प्राइवेट शिक्षक हैं जिनके रोजी रोटी की लड़ाई वे मजबूती से पिछले 24 साल से लड़ रहे हैं. उनका उद्देश्य इन प्राइवेट शिक्षकों को न्याय दिलाना और समाज में उचित सम्मान दिलाना है. कार्यक्रम का संचालन पूर्व पार्षद और इप्टा के पदाधिकारी डॉ. नथुनी सिंह ने किया और धन्यवाद ज्ञापन सेवानिवृत शिक्षक एसडी प्रसाद ने किया.
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