Adityapur (Sanjeev Mehta) : झारखंड के उद्योग सचिव वंदना दादेल शुक्रवार को सरायकेला-खरसावां जिला के आदित्यपुर ऑटो क्लस्टर सभागार पहुंची. जहां उन्होंने उद्यमियों के साथ संवाद कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान सरायकेला एवं जमशेदपुर के उद्यमी संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे. इस कार्यक्रम में उद्योग निदेशक जितेंद्र कुमार सिंह एवं जियाडा के क्षेत्रीय निदेशक प्रेम रंजन भी मौजूद रहे. उद्योग सचिव वंदना दादेल ने उद्यमियों की समस्याओं और सुझावों का जवाब देते हुए कहा कि नई उद्योग पॉलिसी बन रही है. वंदना दादेल ने कहा कि अपने सुझाव ईमेल के जरिए भेजें, ताकि राज्य की उद्योग पॉलिसी बेहतर बन सके. डिक्की की मांगों को विशेष ध्यान में रखने की बात उन्होंने कही.
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उद्यमियों की मांगों पर प्रमुखता से ध्यान दिया जाएगा
वंदना दादेल ने कहा कि सीआईआई और चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की मांगों पर प्रमुखता से ध्यान दिया जाएगा तथा जमीन से संबंधित परेशानियों को दूर किया जाएगा. इसके साथ ही वर्ल्ड क्लास इंडस्ट्रीज स्थापित करने की बात उन्होंने कही. इसके लिए सरकार पूरी तरह से गंभीर है. उन्होंने बताया कि देवघर में प्लास्टिक इंडस्ट्रीज, रांची में गारमेंट इंडस्ट्री स्थापित होने की बात उन्होंने कही. दादेल ने आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया के विकास में अपनी भूमिका पर उद्यमियों द्वारा किए गए प्रशंसा का आभार जताया. इससे पूर्व उद्यमी संगठनों के प्रतिनिधियों ने बारी-बारी से अपनी समस्याएं एवं सुझाव मंचासीन पदाधिकारियों के समक्ष रखा. मंच पर लघु उद्योग भारती के झारखंड प्रभारी इंदर अग्रवाल भी मौजूद रहे.
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आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया की सड़कें हो चुकी हैं बदहाल
एसिया अध्यक्ष संतोष खेतान ने आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया से संबंधित समस्याओं को मंचासीन पदाधिकारियों के समक्ष रखते हुए कहा आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया की सड़कें इन दिनों बदहाल हो चुकी है. जिससे सड़क से शुरू हुआ सफर वापस सड़क तक पहुंच चुका है. इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने अधिकारियों का ध्यान आकर्षित कराते हुए रेंट लेवी का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा उद्यमियों से 2004 से रेंट ली जा रही है जबकि 2019 से दिया जाना चाहिए था. इसको लेकर महाधिवक्ता से मंतव्य ली गई है. उसके बाद सीआईआई झारखंड चैप्टर के चेयरमैन तापस साहू ने बताया कि आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया ऑटो इंडस्ट्रीज की जननी है, मगर ट्रैक्टर एवं टू व्हीलर इंडस्ट्रीज को भी लाने की कवायद होनी चाहिए.
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पेयजल और नाली की समस्या विकराल है
इसमें सीआईआई झारखंड चैप्टर विभाग एवं सरकार को पूरा सहयोग करने को प्रतिबद्ध है. उन्होंने बताया कि बड़े उद्योगों को अपने उद्यम बढ़ाने के लिए जमीन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. विभाग को इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है. इसी क्रम में उद्यमी संगठन लघु उद्योग भारती के महासचिव समीर सिंह ने कहा कि केवल सड़क ही नहीं यहां पेयजल और नाली की भी समस्या विकराल है. उन्होंने कहा कि उद्यमी कॉलोनी जो 1986 में लाई गई थी जो किसी न किसी कारण से रद्द कर दिया गया है, उस पर पुनर्विचार किए जाने की जरूरत है. सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने कहा कि वर्तमान समय के युवा नौकरी देने के बजाय नौकरी करने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं क्योंकि झारखंड इंडस्ट्रियल पॉलिसी की प्रक्रिया काफी जटिल हो चुकी है.
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बिजली की दर में है असामनता – विजय आनंद मूनका
उन्होंने बिजली के दर में समानता की बात उठाई उन्होंने कहा कि डीवीसी ₹3 पैसे प्रति यूनिट की दर पर बिजली उपलब्ध करा रहा है जबकि झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड ₹5.60 रुपये की दर पर बिजली दे रहा है, यही कारण है कि कोल्हान क्षेत्र के ज्यादातर उद्यमी पलायन कर रहे हैं. इसके अलावा जमीन की मांग के साथ ही माइक्रोलैंड की व्यवस्था कराए जाने की जरुरत है ताकि 10,000 स्क्वायर फीट तक की जमीन ई बिडिंग से मुक्त हो सके. वहीं नगर निगम द्वारा उद्यमियों से होल्डिंग टैक्स लिए जाने को भी उन्होंने गलत ठहराते हुए इस पर पुनर्विचार करने की मांग की. टिक्की (ट्राइबल चैंबर ऑफ कॉमर्स) के राष्ट्रीय महासचिव बसंत तिर्की ने कहा 12 जुलाई 2019 को तत्कालीन सरकार ने एसटी को आधे दर पर जमीन उपलब्ध कराने की घोषणा की थी जो आज तक संभव नहीं हो सका है.
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उद्यम के लिए अलग पॉलिसी का निर्धारण हो
अन्य राज्यों के तौर पर उद्यम के लिए अलग से पॉलिसी का निर्धारण होना चाहिए. अंत में दलित चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज डिक्की के अध्यक्ष डोमेन टुडू ने ऑटो क्लस्टर के तर्ज पर गारमेंट्स एवं सिल्क क्लस्टर बनाए जाने की बात कही, ताकि पहले जेनरेशन के एंटरप्रेन्योर को आगे बढ़ने में सुविधा मिल सके. उन्होंने बताया कि पहली बार डिक्की भी इंडस्ट्रियल सेक्टर में प्रवेश कर रहा है ऐसे में उन्हें आगे बढ़ाने के लिए इस पर विशेष जोर दिया जाना चाहिए. उन्होंने ऑटो क्लस्टर में भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित किए जाने की मांग की. इसी क्रम में उद्यमियों के सवालों का जवाब देते हुए उद्योग निदेशक जितेंद्र कुमार सिंह ने कहा वैश्विक त्रासदी कोरोना की वजह से भौतिक बैठक नहीं हो पाया. जिसकी वजह से झारखंड में उद्यमियों के साथ सीधा संवाद नहीं हो सका. यही कारण है कि औद्योगिक विकास में थोड़ी नरमी आई है मगर सरकार और विभाग उद्योगों को आगे बढ़ाने को लेकर पूरी तरह से संकल्पित है.
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उद्यमियों के सुझाव पर अमल किया जाएगा
इस दिशा में उद्यमियों के जो भी सुझाव आ रहे हैं उस पर अमल किया जाएगा. खासकर वर्तमान सचिव द्वारा किए जा रहे प्रयासों की उन्होंने सराहना की. वहीं उन्होंने मौजूद उद्यमियों को इंधन बेस्ड इंडस्ट्रीज से धीरे-धीरे अपने उद्यमियों को इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स इंडस्ट्रीज की ओर (शिफ्ट) हस्तांतरित करने को लेकर प्रयास करने की बात कही. उन्होंने बताया कि जल्द ही क्षेत्रीय निदेशक को कुछ अधिकार दिए जाएंगे ताकि छोटी-मोटी समस्याओं का निराकरण क्षेत्रीय स्तर पर ही हो सके. इसका उद्यमियों ने करतल ध्वनि से स्वागत किया. मंच का संचालन एसिया के पूर्व महासचिव प्रवीण गुटगुटिया ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन वर्तमान महासचिव दशरथ उपाध्याय ने किया. इस दौरान उद्यमियों ने सचिव एवं निदेशक का स्मृति चिन्ह देकर अभिनंदन किया.