Adityapur : मंगलवार को आदित्यपुर थाना अंतर्गत कल्पनापुरी-श्रीनाथ ग्लोबल रेसीडेंसी के अंतिम छोर पर रेलवे ट्रैक के समीप दिनदहाड़े धीरजगंज निवासी 25 वर्षीय राजकुमार कालिंदी उर्फ हथिया की बेखौफ अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी है. हत्याकांड को अंजाम देकर अपराधी भाग निकले. लहूलुहान राजकुमार कालिंदी उर्फ हथिया बाइक सहित गिरकर मौके पर तड़प-तड़प कर मौत हो गई. घटनास्थल रिहायशी इलाका है. रेलवे ट्रैक के पार आरआईटी थाना क्षेत्र का इच्छापुर इलाका है. पास ही ब्राउन शुगर का मक्का मुस्लिम बस्ती है. उससे सटी रईसों की आवासीय कॉलोनी श्रीनाथ ग्लोबल रेसीडेंसी और कल्पनापुरी इलाका है.
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कार्तिक की हत्या में पुलिस ने की थी पूछताछ
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों जमालपुर सतबहिनी में हुए कार्तिक गोप हत्याकांड मामले में पुलिस ने राजकुमार कालिंदी को शक के आधार पर हिरासत में लिया था. हालांकि उसकी संलिप्तता नहीं मिलने पर उसे छोड़ दिया था. मंगलवार दोपहर उसकी हत्या के बाद कई अनसुलझे रहस्य पर पर्दा पड़ गया है. पुलिस ने कार्तिक कालिंदी की हत्या के बाद गिरफ्त में आए अपराधियों की स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर कहा था कि कार्तिक से उन्हें खतरा था इसलिए उसे रास्ते से हटा दिया. लेकिन, खतरा क्यों था, यह पुलिस ने नहीं बताया. सूत्र बताते हैं कि हत्या का कारण ब्राउन शुगर ही था. इसे पुलिस बताने से बचती रही.
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क्या कार्तिक को पत्नी का विरोध करना महंगा पड़ा था
सूत्र बताते हैं कि कार्तिक गोप की कथित पत्नी ब्राउन शुगर एक्टिविस्ट है. उसके कई युवकों के साथ संबंध हैं और उसका साम्राज्य पश्चिमी सिंहभूम तक फैला है. कार्तिक को यह पसंद नहीं था. इसका विरोध करना कार्तिक को महंगा पड़ गया और अपराधियों ने उसे रास्ते से हटा दिया. हालांकि पुलिस को कार्तिक की हत्याकांड में उसकी पत्नी की संलिप्तता नजर नहीं आई या पुलिस ने उसे नजरअंदाज कर दिया, यह जांच का विषय है. वैसे पुलिस ने इस मामले में बड़ी सफाई से यह कह कर किनारा कर लिया कि अपराधियों को कार्तिक से जान का खतरा था इसलिए उसे रास्ते से हटा दिया.
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कार्तिक और राजकुमार हत्याकांड का क्या हो सकता है कनेक्शन
कार्तिक गोप हत्याकांड मामले में पुलिस ने शक के आधार पर राजकुमार उर्फ हथिया को हिरासत में लिया था. उसे पुलिस ने पूछताछ के बाद छोड़ दिया था. सूत्रों के अनुसार पुलिस ने राजकुमार को कॉल ट्रैकिंग के आधार पर गिरफ्तार किया था. कार्तिक हत्याकांड में कई बड़े चेहरे अभी बेनकाब होने बाकी हैं. सूत्र बताते हैं कि राजकुमार ने पुलिस को कई अहम सुराग दिए थे. इसलिए अपराधियों ने राजकुमार को रास्ते से हटा दिया.
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क्या खाकी ने भी इस काले कारोबार के आगे हथियार डाला?
सूत्र बताते हैं कि कुटीर उद्योग का रूप ले चुके आदित्यपुर में ब्राउन शुगर का हर महीने करीब दो करोड़ का कारोबार होता है. इसमें खाखी से लेकर खादी तक की संलिप्तता है. मुस्लिम बस्ती से निकलकर इस काले कारोबार ने पूरे कोल्हान को अपनी गिरफ्त में ले लिया है. इसकी जड़ें कोल्हान के गली-गली में फैल चुकी है, जिसे निकालने की ताकत किसी में नहीं है. हर एसपी और थानेदार दावा करते हैं कि इस काले साम्राज्य को समाप्त करना उनकी प्राथमिकता रहेगी, मगर पुलिस जितनी सख्ती दिखाती है, इसके कारोबारी दोहरी तेजी से पनपने लगते हैं. मुस्लिम बस्ती के लगभग सभी बड़े ड्रग्स कारोबारी इन दिनों सलाखों के पीछे हैं. आखिर इस साम्राज्य को संचालित कौन कर रहा है. सूत्र बताते हैं कि ड्रग्स का कारोबार अब केवल मुस्लिम बस्ती तक ही सीमित नहीं रह गया है, तो क्या खाकी ने भी इस काले कारोबार के आगे हथियार डाल दिया है?
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ईच्छापुर गैंग पर भी शक की सूई
राजकुमार हत्याकांड की सूई इच्छापुर गैंग की तरफ भी जाती नजर आ रही है. बताया जा रहा है कि जिस वक्त घटना घटित हुई उसके ठीक थोड़ी देर बाद इच्छापुर गैंग के युवक आसपास में देखे गए. ऐसे में यह भी कयास लगाया जा रहा है कि ब्राउन शुगर खरीदने पहुंचे राजकुमार से छिनतई का प्रयास किया गया होगा, जिसमें उसे गोली मार दी गई. अक्सर ऐसी घटनाएं होती रहती हैं, जहां ब्राउन शुगर खरीदने पहुंचे युवकों के साथ मारपीट और छिनतई की घटना होती रहती है.
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राजकुमार का फैमिली बैकग्राउंड
राजकुमार के पिता का निधन हो चुका है. उसकी मां रामाकृष्णा फोर्जिंग में मजदूरी करती है. राजकुमार का बड़ा भाई बबलू कालिंदी शादी ब्याह में सिंग बाजा बजाता है. बबलू सिंह बाजा के नाम से उसका बैंड फेमस है. राजकुमार उसी में अपने भाई को सहयोग करता था. घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया है. परिवार वाले कुछ भी बता पाने की स्थिति में नहीं हैं.